अयोध्या। केंद्रीय श्रम, रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को अयोध्या में कहा कि रामनगरी अयोध्या का समाज और दुनिया में एक प्रेरणा स्थल के रुप में आदर रहा है। अयोध्या का संदेश राम राज्य की कल्पना है जिसमें सब के लिये समानता के अवसर हो,राजा जनता का सेवक के रुप में कार्य करें। वह राम की पैड़ी, अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। अयोध्या पहुंचे केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने हनुमागढ़ी में हनुमंत लला और श्रीराम जन्मभूमि पहुंचकर रामलला का दर्शन किया।
केन्द्रीय वन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों में योग के प्रति सामूहिकता और जागरुकता का भाव पैदा किया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज आधुनिक भारत ऐसे ही निर्माण पथ पर आगे बढ रहा है, जिसका उद्दश्य है- पूरे देश में सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास की संकल्पना को साकार करना और योग भी उसी का संदेश देता है।
भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आज जिस तरह से हम सभी एकत्रित होकर योग के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास की अभिव्यक्ति कर रहे है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि योग के प्रति अगर यह अभिव्यक्ति इच्छाशक्ति में इस तरह परिवर्तित हो जाये कि योग हमारी नित-प्रतिदिन दिनचर्या का आधार बन जाये तो भारत सिर्फ स्वस्थ ही नहीं होगा बल्कि आत्मनिर्भरता के सपने की ओर भी अग्रसर होगा।
उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से हम दुनिया भर में व्याप्त तनाव,अशांति और कोलाहल को खत्म कर सकते हैं। दुनिया में मनुष्य जिस तरह से अपने सृजनात्मक विषयों के द्वारा समाज में अच्छा योगदान दे सकता है, सभी लोग स्वास्थय की संकल्पना कर सकते हैं उस जीवन पद्दति का नाम योग है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योग केवल एक शारीरिक अनुशासन नहीं है। योग के जो अष्टमार्ग पतांजलि ने बताये हैं– यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि ।यम के द्वारा हम अपने अंदर नैतिकता का विकास कर।ते हैं,नियम के द्वारा शुद्द आत्मिक आचरण करते हैं,आसन के द्वारा उन शारीरिक क्रियाओं का संचालन करते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखती है। जब हम प्राणायाम करते हैं तो अपनी श्वास के माध्यम से हम अपने शरीर की भावनाओं का नियंत्रण करते हैं।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि योग एक ऐसी जीवन पद्दति है जो समाज के सभी वर्गो के लिये है।समाज के सभी आयु श्रेणी के लोगों के लिये है। उन्होंने कहा कि योग और सूर्य नसम्कार की क्रिया से स्वास्थय को अच्छा रखने का संकल्प न केवल व्यक्तिगत रुप से बल्कि समाज के लिये भी आवश्यक है। योग निरोग रहने का मंत्र है।