कानपुर। बकरीद पर महंगे बकरों का शौक पालने वालों की कमी नहीं है। चारे के साथ खजूर शेक व मेवे खाकर तथा एसी में रहकर बड़े हुए बकरों की कीमत सुनेंगे तो आप दंग रह जाएंगे। तलाक महल में तीन बकरों की कीमत साढ़े छह लाख रुपये रखी गई। इनमें से एक बकरा एक लाख चालीस हजार रुपये में बिक भी गया है। बाकी दो बकरों की कीमतें भी लगती रहीं लेकिन मालिक मुंहमांगी कीमत पर बकरे बेचना चाहता है। खूबसूरत और लंबे चौड़े तीनों बकरों को देखने के लिए बाजार में भीड़ लगी रही है।

तलाक महल रेलवे क्रासिंग के पास अल फैज को बकरे पालने का शौक है। उसने तीन बकरों, दिलरुबा, गुरु व रंगीला को दस से 12 महीनों में ऐसा तैयार कर दिया है कि तीनों की कीमत लाखों में पहुंच गई है। 135 किग्रा वजन के दिलरुबा को चमनगंज के एक व्यक्ति ने एक लाख 40 हजार रुपये में खरीदा है। खरीददार ने अपना नाम न बताने का अनुरोध किया है। फैज 12 महीने पहले दिलरुबा को सूरत से लाया था, अब वह 22 महीने का है।

रंगीला को इटावा से फैज जब कानपुर लाया गया था तब वह चार महीने का था, इस वक्त उसकी उम्र दो साल है और वजन 150 किग्रा। इसकी कीमत साढ़े तीन लाख रुपये तय की गई है। चंबल से लाया गया गुरु 18 महीने की मेहनत के बाद ऐसा हो गया है कि उसकी कीमत एक लाख 30 हजार रुपये लग गई है। गुरू का वजन 110 किलो है।

अल फैज बताता है कि वह बकरों के इलाज की जानकारी देने के साथ ही गोट फार्म के मालिकों को जानवरों को पालने की सलाह भी देता है। उसने बकरों को बॉडी बिल्डरों जैसी डाइट देकर तैयार किया है। वह बताते हैं कि बकरों को हरा चारा, चने के साथ सूखे मेवे, दूध, प्रोटीन, खजूर व फ्रूट शेक भी देतें हैं और बकरों को एसी में रखा जाता है

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