नई दिल्ली। एजेंडा आजतक के मंच पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प पर भी दोनों नेता भिड़ गए. ऐसे में संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस से जब भी पूछा जाता है कि मोदी का विकल्प कौन होता तो ये कहते हैं कि 135 करोड़ जनता होगी. मतलब साफ है कि इनके पास कोई विकल्प नहीं है. संबित ने कहा कि हां एक बात जरूर है कि राहुल गांधी का विकल्प कन्हैया कुमार जरूर हैं.

बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के पास पीएम मोदी का कोई विकल्प ही नहीं है. हिम्मत है तो बोलकर दिखाएं कि मोदी का विकल्प राहुल गांधी हैं. इनके मूंह से भी निकल नहीं रहा कि मोदी का विकल्प राहुल गांधी हैं. ये चले हैं चुनाव जीतने के लिए. ममता बनर्जी से लेकर अखिलेश यादल तक राहुल को विकल्प नहीं मान रहे हैं. मायावती भी नहीं मान रही है और तो और कांग्रेस के अंदर जी-23 भी उन्हें विकल्प नहीं मान रहा है.

संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी का विकल्प कन्हैया कुमार जरूर हो सकते हैं. ये तो मैं मानता हूं  राहुल गाधी अब एक बार भी निकल कर नहीं कह रहे हैं कि मोदी को हराओ, मगर ये (कन्हैया कुमार) जरूर कह रहे हैं. ऐसे में कन्हैया जरूर राहुल का विकल्प बन सकते हैं.

हालांकि, संबित पात्रा के सवाल पर कन्हैया कुमार की जगह कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने जवाब दिया और कहा कि मोदी का विकल्प राहुल गांधी हैं. जनता वोट करेगी सत्ता के खिलाफ. जनता ही जनार्दन है. वहीं, बीच में संबित पात्रा ने कहा कि जनता ही वोट कर रही है, मंगल ग्रह से कोई आकर वोट नहीं कर रहा है. इस पर हार्दिक ने कहा कि हम जनता को ही कहेंगे आपसे थोड़े कहेंगे.

हार्दिक ने कहा कि जनता कांग्रेस के साथ जुडी हुई है और मुझे पूरा भरोसा है कि जनता का विश्वास हमें मिलेगा. कांग्रेस जनता के बीच जा रही है. वो चाहे जन जागणरण का कार्यकम हो, मंहगाई के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात हो या फिर रोजागर के मुद्दे पर हो. सभी मुद्दों को लेकर कांग्रेस लड़ रही है. नरेंद्र मोदी का विकल्प राहुल गांधी ही हैं.

वहीं, इससे पहले संबित पात्रा और कन्हैया कुमार के बीच राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जमकर नोकझोंक हुई. संबित पात्रा ने कहा कि देश और राष्ट्र दोनों अलग-अलग शब्द हैं. देश की अपनी एक छवि होती है, प्रधानमंत्री होते हैं और अर्थनीति होती है. लेकिन राष्ट्र एक सोच होती है और उसकी कोई बाउंड्री नहीं होती है. उदाहरण के तौर पर देश की नजर से गंगा एक नदी है, लेकिन राष्ट्र की नजर से देखें तो यह गंगा मां हैं. गंगा एक सोच, जननी हैं. इसीलिए राष्ट्र को बांधा नहीं जा सकता है. वह व्यापक है. राष्ट्र को लेकर कोई दो मत नहीं हो सकते हैं. संबित पात्रा ने जवाब दिया कि राष्ट्र को मां मानना. राष्ट्र ने ही मुझे जन्म दिया है, उसके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. राष्ट्र के लिए बलिदान भी दे सकता हूं. यही राष्ट्रवाद है.

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि मुझे बीजेपी के राष्ट्रवाद से कोई दिक्कत नहीं है. यह एक देश है, जिसे आप नेशन या कंट्री कहें. देश संविधान से चलेगा. आजादी के बाद जब संविधान लागू हुआ. पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की जयंती है. तमाम अलग-अलग धाराओं के लोगों ने अंग्रेजों से लड़कर देश को आजाद करवाया और गुलामी को समाप्त करवाया. संबित पात्रा की पार्टी की एक नेता ने कहा कि आजादी 99 साल की लीज पर है. इसीलिए कहता हूं कि ये न तो आजादी को मानते हैं और न ही संविधान को मानते हैं. कोई भी राष्ट्र जो नियम-कानून से चलेगा, उसकी जो पुस्तिका देश का संविधान है.

कन्हैया कुमार ने कहा कि संविधान कहता है कि देश में रहने वाले सभी जाति और धर्म के लोग इस देश के नागरिक हैं. हमारा मानना है कि ये राष्ट्र का नाम लेकर अपनी व्यक्तिगत जेब भरते हैं. टीवी पर रोज आकर राष्ट्र-राष्ट्र करते हैं और अभी आईटीडीसी का चेयरमैन बनाया गया है. इनका राष्ट्रवाद दरअसल व्यक्तिवाद है और इससे हमें दिक्कत है. हम कलेक्टिव अंडरस्टैंडिंग में भरोसा करते हैं. इसीलिए कहते हैं कि यह देश सभी लोगों के मिलने से बनेगा. संविधान से इतर कोई भी व्यक्ति होगा, उसके खिलाफ हम खड़े होंगे और सही को सही, गलत को गलत कहेंगे. आईटीडीसी का चेयरमैन बनाए जाने के सवाल पर संबित पात्रा भड़क गए और फिर दोनों नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया.

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