लॉकडाउन के बाद अब 15 अक्टूबर से एक बार फिर से सरकार ने स्कूलों को खोलने की अनुमत‍ि दे दी है. केंद्र सरकार ने हायर सेकेंडरी के बाद सेकेंडरी- प्राइमरी स्‍कूल खोलने को कहा है. कुछ राज्‍यों ने छूट मिलते ही स्‍कूल खोलने के लिए राज्य की गाइडलाइन बना लीं. लेकिन कई राज्य 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं अभ‍िभावक भी अभी बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं.

इस बार स्कूल खोलने में दिल्ली-एनसीआर अलग-अलग रूल फॉलो कर रहा है. दिल्ली में जहां अभी स्कूल खोलने की अनुमति सरकार ने नहीं दी है. वहीं सरकार के द‍िशानिर्देश पर एनसीआर में आने वाले नोएडा-गाजियाबाद के स्कूल खुल रहे हैं. यहां कक्षा 9 से 12वीं के स्कूल खुल रहे हैं.

एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में पेरेंट्स के बीच सर्वे किया गया. इसमें शामिल 71 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि नौ प्रतिशत इसके बारे में अनिश्चित नजर आए. माता-पिता बच्चों को कोरोना संकट और त्योहारी सीजन के चलते बच्चों को अभी स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं.

राज्यों की बात करें तो यूपी जहां 19 अक्टूबर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की तैयारी कर चुका है. वहीं बिहार में 15 अक्टूबर से ही स्कूल खुल रहे हैं. लेकिन पश्च‍िम बंगाल, दिल्ली और झारखंड आदि सरकारें अभी राजी नहीं हैं. झारखंड सरकार ने अभिभावकों और शिक्षा जगत के लोगों से राय लेने के बाद स्कूलों को 31 अक्टूबर, 2020 तक नहीं खोलने का फैसला किया.

आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी ने कहा है कि राज्‍य के स्‍कूल 2 नवंबर से खोल दिये जाएंगे. मेघालय में स्‍कूल खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं. कक्षा 6 से 8 तक के बच्‍चों को केवल कंसल्‍टेशन के लिए स्‍कूल आने की अनुमति है. कक्षा 9-10 के छात्र भी कंसल्‍टेशन के लिए स्कूल आएंगे. छत्‍तीसगढ़ सरकार फिलहाल स्‍कूल बंद रखने का फैसला लिया है. हरियाणा सरकार कक्षा 6 से 9 तक के बच्‍चों के लिए स्‍कूल खोल सकती है.

स्कूल के लिए ये होंगे नियम

फर्नीचर, स्टेशनरी, कैंटीन, लैब के साथ ही पूरा परिसर और क्लास रूम का रोज सैनिटाइजेशन होगा. एक क्लास में एक दिन 50 फीसदी ही बच्चे ही बैठेंगे. दूसरे दिन बाकी के बच्चों की पढ़ाई होगी. दो स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी अनिवार्य होगी. इसके अलावा सबसे सख्त नियम ये है कि कोई भी स्टूडेंट अपने अभ‍िभावक की ब‍िना ल‍िख‍ित अनुमत‍ि के स्कूल नहीं आ सकेगा.

सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा. प्रयास ये रहेगा कि अभिभावक खुद बच्चे को लाएं और लेकर जाएं. बच्चे को यूनिफार्म में फुल आस्तीन की शर्ट, फुल पैंट और जूते-मोजे पहनना जरूरी होगा. गाइडलाइंस का पालन बहुत अनिवार्य होगा. क्लासरूम में मास्क उतारने की अनुमति नहीं होगी.

Show comments
Share.
Exit mobile version