एमपी। मध्य प्रदेश के खरगोन में पटेल समाज के दूल्हे ने 20 किमी का फेर बचाकर नाव से नर्मदा पार कर दुल्हन संग सात फेरे लिए. 20 साल बाद नाव से नर्मदा पार कर कोई बारात गांव पहुंची. नाव पर ही दूल्हा-दुल्हन का स्टेज सजा.
जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर कसरावद विकासखंड के बलवाड़ा में नर्मदा पार स्थित धार जिले के बलगांव से नाव से बारात पहुंची. नर्मदा किनारे के बलगांव में धार जिले के बलवाड़ा से नाव पर सवार होकर दुल्हन ब्याहने बारात आई.
मौनी बाबा आश्रम में फेरे और विवाह की रस्में निभाई
सजी-धजी नाव में कपिल पटेल दूल्हे के लिबास और बाराती साफा बांधे सवार थे. तट पर कसरावद की दुल्हन दिव्या के परिजनों ने अगवानी की. नर्मदा तट बलगांव के मौनी बाबा आश्रम में फेरे और विवाह की रस्में पूरी की. गुब्बारों से सजी नाव से ही बाराती संग दूल्हा-दुल्हन लौट गए.
बाराती दिलीप पटेल ने बताया दोनों परिवारों ने बलगांव नर्मदा तट पर विवाह की रस्में पूरी करने का निर्णय लिया था. बलवाड़ा से बलगांव की सड़क मार्ग की दूरी करीब 20 किमी है. नदी मार्ग से ये केवल एक किमी है.
परिजनों ने सड़क मार्ग का 20 किमी के फेर से बचने के लिए नाव से आना तय किया. ग्राम बलगांव के बुजुर्ग बताते हैं कि नर्मदा के उस पार के रिश्तेदारी की बारातें हमेशा नाव से आती रही है. गांव तक वाहनों का प्रचलन तेजी से बढ़ने से नावों से बारातें आना कम हो गई. गांव में नाव से बारात आने का ऐसा नजारा करीब 20 साल बाद देखने को मिला है. कई साल बाद यह देखकर पुराने दिनों की यादें ताजा हो गई.