वाराणसी। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने कमीशन की कार्यवाही रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में गुरुवार को दाखिल कर दी। इस दौरान वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं के साथ पैरोकार भी मौजूद रहे।

14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे की रिपोर्ट 15 पेज की बतायी जा रही है। इस मामले में अदालत सुनवाई भी करेगी। उधर, इसी अदालत में दायर दो अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है। वादी महिलाओं ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे एवं कमरेनुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे कराने मांग की है। दूसरा प्रार्थना पत्र जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय का है। उन्होंने मस्जिद के वजूखाने की मछलियों को स्थानांतरित करने का आदेश देने की मांग अदालत से की है।

सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दोनों मामलों में बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण सुनवाई टल गई थी। बाद में अदालत ने सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन नियत किया था।

हटाये गये एडवोकेट कमिश्नर कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने गुरुवार शाम को बीते 6 एवं 7 मई को हुए ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल कर दी थी।

दिल्ली निवासी राखी सिंह और बनारस की लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास एवं रेखा पाठक ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में 18 अगस्त 2021 को एक याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए। याचिका में परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओं की सुरक्षा के लिए सर्वे कराकर स्थिति स्पष्ट करने का भी जिक्र था।

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