नई दिल्ली। जगन्नाथ महाप्रभु का मंदिर 16 अगस्त से भक्तों के लिए खोला जाएगा. कोरोना के प्रतिबंधों के कारण कई महीनों से भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन नहीं कर पा रहे थे. लेकिन 16 अगस्त से भक्त और भगवान के बीच ये दूरियां खत्म हो जाएंगी. हालांकि भक्तों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

मंदिर प्रबंधन के अनुसार मंदिर में दर्शन और सेवा का कार्य पूरी तरह कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगा. सेवा में लगे पंडे, प्रतिहारी, रसोइए और अन्य कार्यकर्ता तो कई महीनों से शारीरिक दूरी का पालन करते रहे हैं, और मुंह पर गमछे का प्रयोग करते रहे हैं. यानी सेवा के समय वो आम लोगों के स्पर्श से दूर रहते हैं. लेकिन अब आम भक्त भी दर्शन के दौरान एकदूसरे से दूर रहेंगे.

मंदिर खुलने के शुरुआत के सात दिन यानी 22 अगस्त तक तो सिर्फ पुरी के निवासी ही महाप्रभु के दर्शन कर पाएंगे. 23 अगस्त से कोविड प्रोटोकॉल के तहत जगत भर से लोग अपने महाप्रभु के दर्शन कर सकेंगे.

कोरोना की पहली और दूसरी दोनों लहरों में मंदिर को भक्तों के लिए बंद रखा गया था. हालांकि सेवा पूजा और मंदिर की ध्वजा बदलने का काम सदियों की तरह बदस्तूर जारी रहा. पिछले दो सालों से जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा भी सीमित भक्तों, पंडों पुजारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोरोना कर्फ्यू के बीच ही संपन्न हुआ.

कोरोना की दोनों वैक्सीन लेने के बाद ही एंट्री

कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उन्हीं भक्तों को मंदिर में प्रवेश मिलेगा जिनको टीके की दोनों खुराक लग गई है. शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी यानी वीकली शट डाउन की वजह से अगले आदेश तक मंदिर बंद रहा करेगा.

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