बिहार। विद्यापतिनगर के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते के मरने के बाद मंगलवार को हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम विदाई कर पशु-प्रेमी की अनूठी मिशाल पेश की है। हालांकि इस शव यात्रा में भावुक हुए लोग कोरोना गाइडलाइंस को भूल बिना मास्क के शामिल थे।

घर के सदस्यों के साथ रहने वाले टॉनी आसपास के लोगों की आंखों का तारा था।  टॉनी की मौत के बाद सभी ने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके।  जिस तरह से इंसान के मौत पर अंतिम यात्रा निकाली जाती है. उसी तरह टॉनी के मौत पर उसके लिए अर्थी बनवाई गई और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई।

कफन में लिपटे टॉनी के शव को ठेले पर रखा। ठेले पर तेरी महरबानियां के गाने बज रहे थे और उसी की धुन पर कुत्ते की शव यात्रा चल रही थी।  टॉनी के सम्मान में ग्रामीण उसके शव के ऊपर फूल चढ़ाकर श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहे थे।

लोगों ने यह फैसला किया कि उसके दफनाए हुए जगह पर अलग-अलग प्रजाति के काफी सारे पौधे भी लगाए जाएंगे।  उस जगह उसकी याद में स्मृति स्मारक भी बनाया जाएगा और तेरहवीं का भोज भी आयोजित होगा।

 

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