एमपी। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में वैक्सीन लगने के बाद एक महिला बीमार हो गई जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों को गांव वालों ने जाने नहीं दिया और उन्हें बंधक बनाए रखा.

दरअसल, ये मामला छ‍िंदवाड़ा ज‍िले के गांव चिट्टी बुढेना का है. यहां 55 लोगों का टीकाकरण किया गया जिसके बाद रात में एक ग्रामीण महिला बीमार हो गई. उसे उलटियां होने लगी.

जब यह जानकारी महिला स्वास्थ्य कर्मी, CHO और ANM को लगी तो वो गांव में मरीज महिला देखने पहुंची. महिला का बीपी चेक किया गया. उलटियां होने की वजह से बीपी डाउन आ रहा था. स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा क‍ि हम दवाइयां दे देते हैं, स्वस्थ्य हो जायेगी. इस पर गांव वाले कहने लगे जब तक मरीज ठीक नहीं हो जाता, आप लोग कहीं नहीं जाओगे. इस बात पर दोनों पक्षों  के बीच कहासुनी हुई.

एक घंटे तक विवाद होता रहा. उसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने एंबुलेंस सेवा को सूचना दी जो मौके पर पहुंची. एंबुलेंस से महिला को हर्रई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर किया गया. उसके बाद भी गांव से ग्रामीण लोग स्वास्थ्य कर्मी को गांव से जाने नहीं दिया जा रहा था तो डायल 100 को सूचना दी गई. उसके बाद पुलिस की समझाइश के बाद स्वास्थ्य कर्मी गांव से सुरक्षित वापस निकल पाए.

गांव वालों ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बना ल‍िया था बंधक

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी जीसी चौरसिया का कहना है कि गांव में शाम तक वैक्सिनेशन हो गया था. रात में एक महिला की तबीयत बिगड़ने की सूचना म‍िली तो सीएचओ और एएनएम को सूचना दी थी. वे उनको देखने गए थे. उस बीमार महिला को 108 के माध्यम से अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन  लोगों को कुछ कन्फ्यूजन था कि वैक्सीन के कारण तबीयत बिगड़ी. महिला के लक्षण उल्टी दस्त के थे जैसे फूड पॉइजन का असर हो. ऐसा वहां के बीएमओ ने बताया था. उसे अस्पताल में शिफ्ट कराया. इसी बात को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था. ये बात सही है कि डायल 100 के आने के बाद स्वास्थ्य कर्मी जा सके. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने हर्रई बीएमओ को सूचना दी है. एसडीएम को भी सूचना दी है. अभी मामला विचाराधीन है. अभी क‍िसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

वहीं, इस मामले में हर्रई थाना प्रभारी ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि गांव वाले स्वास्थ्य कर्मियों को कहने लगे कि जब तक मरीज ठीक नहीं हो जाता, तब तक आप लोग यहां से नहीं जाओगे तो इस पर स्वास्थ्य कर्मियों ने बोला कि हम क्या जब तक यहीं बैठे रहेंगे. इसको लेकर बहस होने लगी. डायल 100 को सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची. समझाने के बाद महिला स्वस्थ्य कर्मियों को जाने दिया. इस मामले में थाना हर्रई में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है.

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