नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में इंसान को बेहतर जीवन व्यतीत करने के लिए कई तरह की नीतियों का जिक्र किया है, जो जीवन को सफल बनाने की कला को सिखाती है. साथ ही चाणक्य की वो नीतियां जीवन से जुड़ी कई चीजों को सही ढ़ंग से आगे बढ़ाने में सहायक है. एक श्लोक में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जिसके कारण लोगों पर लक्ष्मी की कृपा नहीं बनी रहती….
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च।
सूर्योदये चास्तमिते शयानं विमुञ्चतिश्रीर्यदि चक्रपाणि:।।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, गंदे कपड़े पहनने वाले शख्स के पास कभी लक्ष्मी नहीं आती है. चाणक्य कहते हैं कि जो लोग हमेशा गंदगी में रहते हैं. अपने आसपास सफाई नहीं करते उन पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है और ना ही इन्हें समाज पसंद करता है. ऐसे लोग हर तरफ से निरादर का सामना करते हैं.
इस श्लोक में चाणक्य ये भी कहते हैं कि जो इंसान दांतों की सफाई नहीं रखता उसे गरीबी का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को लक्ष्मी त्याग देती हैं, जबकि हर दिन दातों की सफाई करने वाले शख्स पर लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
चाणक्य कहते हैं कि भूख से ज्यादा खाने वाला शख्स कभी धनवान नहीं हो सकता है, क्योंकि दरिद्रता इंसान को गरीबी में झोंक देती है. वहीं, जरूरत से ज्यादा खाने वाला व्यक्ति कभी भी स्वस्थ नहीं रहता है.
इसके अलावा चाणक्य ये भी कहते हैं कि कड़वे वचन बोलने वाले लोग भी अमीर नहीं हो सकते हैं. चाणक्य कहते हैं कि वाणी से दूसरों के मन को आहत करने वालों पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है और ना ही उनका मित्र बन पाता है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति दुश्मनों से घिरे होते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि सुबह से शाम तक सोए रहने वाला शख्स भी कभी धनवान नहीं हो सकता है. चाणक्य कहते हैं कि सूर्योदय से सूर्यास्त के समय तक नींद में रहने वाले व्यक्ति पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती. बिना कारण के सोना मनुष्य के लिए हानिकारक होता है.
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