नई दिल्ली। प्लास्टिक के खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में पाए जाने वाला जहरीला कैमिकल बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने ऐसा दावा किया है. स्टडी के मुताबिक, ऑर्गेनोफॉस्फेट एस्टर (OPEs) का प्रयोग कई तरह के प्रोडक्ट्स को फायर प्रूफ बनाने के लिए किया जाता है, जिसके संपर्क में आने से युवाओं के आईक्यू लेवल, एकाग्रता और मेमोरी पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

इस कैमिकल का इस्तेमाल कई तरह खिलौनों, स्मार्टफोन, पुशचेयर, गद्दे और कई प्रकार के फर्नीचर्स में किया जाता है. ये कैमिकल लोगों में कैंसर और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है. कैरोलिन यूनिवर्सिटी की डॉ. हीथर पैटीसोले के मुताबिक, ‘टीवी से लेकर कार की सीटों तक हर चीज में ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर का उपयोग इस गलत धारणा के साथ किया जाता है कि ये सुरक्षित हैं.’

ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर सभी पीढ़ियों में दिमाग के विकास के लिए एक बड़ा खतरा है. यदि इसके इस्तेमाल को नियंत्रण में ना लिया गया तो भविष्य में इसके गंभीर नुकसान झेलने पड़ेंगे. इसका उपयोग कई चीजों में फायर सेफ्टी रेगुलेशन के नाम पर किया जाता है. एक स्टडी में पहले भी ऐसा दावा किया गया था कि स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाला OPEs हाथ या फेस के जरिए भी किसी इंसान की बॉडी में ट्रांसफर हो सकता है.

स्टडी के मुताबिक, OPEs ब्रेस्टमिल्क में भी पाया जा सकता है. इसका मतलब साफ है कि यह ब्रेस्टमिल्क के जरिए सीधे नवजात शिशु के शरीर में ट्रांसफर हो सकता है. जर्नल एनवायरोमेंट हेल्थ में प्रकाशित इस शोध में कहा गया कि हमें जल्द से जल्द OPEs के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बंद या कम करना होगा. इस शोध की जरूरत उस वक्त पड़ी जब ऑनलाइन पोर्टल पर बिकने वाले करीब आधे खिलौनों को बच्चों के लिए हानिकारक बताया जा रहा था.

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