मध्यप्रदेश के रीवा में एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आने के बाद राज्य के हाइवे पर होने वाली पैट्रोलिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यहां एक हाइवे पर 2 दिन तक एक बुजुर्ग की लाश गाड़ियों से कुचली जाती रही लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. दो दिन बाद यहां से गुजर रहे एक शख्स ने जब हाइवे पर कपड़े पड़े होने की जानकारी पुलिस को दी तब जाकर पता चला कि यह इंसानी शव था.
हाइवे पर शव की दुर्गति देख पुलिस के भी होश उड़ गए क्योंकि वहां सिर्फ हड्डियों के कुछ टुकड़े ही बचे थे. शरीर का पूरा मांस और हिस्से दो दिनों तक हाइवे पर इस कदर कुचले जाते रहे कि कपड़ों के भीतर सिवाय हड्डियों के कुछ नहीं बचा. ज्यादातर हड्डियां भी टूट गई थीं. जहां यह हादसा हुआ था वहां लाइट नहीं है इसलिए माना जा रहा है कि शव दिखा नहीं होगा और गाड़ियां उसके उपर से गुजरती रहीं.
पुलिस ने जब घटना की तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि सतना जिले के सोनवर्षा गांव का एक परिवार गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने थाने पहुंचा है. परिजनों ने बताया कि 75 साल के संपतलाल 3 दिन पहले चुरहट में अपनी बेटी से मिलने के लिए निकले थे लेकिन ना तो वो वहां पहुंचे और ना ही घर वापस आए हैं. पुलिस को परिजनों ने बताया कि वो क्या कपड़े पहन कर गए थे तो पुलिस ने परिजनों को हाइवे से मिले कपड़े दिखाए जिसे परिजनों ने पहचान लिया और इस तरह खुलासा हुआ कि दो दिन तक कुचला जाता रहा शव संपतलाल का था.
लेकिन सवाल यह है कि दो दिनों तक एक शव सड़क पर पड़ा रहा लेकिन किसी को उसकी भनक नहीं लगी और उसके ऊपर से गाड़ियां गुजरती रहीं.

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