News Samvad : भारत के दिग्गज कारोबारी और दानवीर रतन टाटा की तबीयत एक फिर से बिगड़ गयी है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रतन टाटा को मुंबई के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया है। ICU में उनका इलाज चल रहा है। दो रोज पहले भी रतन टाटा की तबीयत खराब होने की बात मीडिया में वायरल हुई थी। हालांकि, रतन टाटा ने अपने X हैंडल पर पोस्ट कर जानकारी साझा की थी कि वे स्वस्थ हैं। पोस्ट में रतन टाटा ने लिखा- ‘मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं फिलहाल अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। चिंता का कोई बात नहीं है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। आपसे अनुरोध करता हूं कि जनता और मीडिया गलत सूचना फैलाने से बचें।’

भारत के सबसे बड़े समूह टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। रतन टाटा ने अपनी तालीम जाने माने कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड से हासिल की। उन्होंने साल 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष की गद्दी संभाली और साल 2012 में रिटायर हो गये। अपने कार्यकाल के दरम्यान उनकी कड़ी मेहनत और लगन के चलते टाटा ग्रुप ने आसमान की बुलंदियं को छुआ। कंपनी को राज्स्व में जगब का उछाल आया। साल 1991 में राजस्व महज 10 हजार करोड़ रुपये था, जो बढ़ते-बढ़ते 2011-12 में 100.09 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया।

अपनी रिटायरमेंट के बाद Ratan Tata को अपने उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री के साथ बोर्डरूम लड़ाई का सामना भी करना पड़ा। साइरस को 24 अक्तूबर 2016 को टाटा संस के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद वे समूह के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में वापस लौटे और जनवरी 2017 में समूह की कमान एन चंद्रशेखरन को सौंप दी और टाटा संस के मानद अध्यक्ष की भूमिका में आ गये।

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