लखनऊ। वास्तव में आप सभी को देखने पर लगता है कि आदमी की पहचान सिर्फ उसके शारीरिक बनावट से नहीं होनी चाहिए। उसकी सोच, विचार आदि से उसकी पहचान होती है। यदि आदमी के विवेक, बुद्धिमता, साहस ने दुनिया के सामने उसे प्रस्तुत किया। अष्टावक्र, सूरदास ऐसे व्यक्ति है, जिनकी ओर लोगों का ध्यान नहीं गया हो। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। वे डाक्टर शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में बने एक भवन के शिलान्यास व लेबटाप वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें हमेशा समय के अनुरूप चलना होगा। हमें पीछे की पंक्ति में नहीं, आगे बढ़कर काम करना होगा। इसके लिए हमें हीन भावना का त्याग करना होगा। जब हम आगे बढ़ेंगे तो हमारे राह खुद बनते जाएंगे। पहले हमारा प्रदेश बीमारू राज्य में गिना जाता था। आज हमारा प्रदेश आगे बढ़ चुका है। हमारे पास इच्छा शक्ति है। जिस प्रदेश में पांच साल पहले दंगे होते थे, आज वहां हर जगह शांति है।

उन्होंने कहा कि उप्र सबसे अधिक ऊर्जावान प्रदेश है। इसकी प्रतिभा को जिसने जाना है, उसको इसका प्रतिफल मिला है। उप्र में स्थित शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय एक दिव्यांग व सामान्य बच्चों का सर्वाधिक अच्छा सम्मिश्रण का उदाहरण है। यहां टेबलेट वितरण की योजना के तहत आज यहां आठ सौ से अधिक बच्चों को दिया जा रहा है। सिर्फ लखनऊ में ही एक लाख, छह हजार से ज्यादा स्मार्ट फोन व टैबलेट उपलब्ध कराया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए हम सभी इस योजना से जुड़े हैं। कोरोना काल में हम सभी पर बुरा प्रभाव पड़ा। प्रभावित होने वालों में शिक्षा का क्षेत्र भी है। ऐसे में हम लोगों ने आन लाइन पढ़ाई की योजना शुरू की। लेकिन बहुत से बच्चों के पास इसके खरीद के लिए पैसे नहीं थे। इसी कारण हम लोगों ने इस योजना को शुरू की, जिससे सभी बच्चे डीजिटल इंडिया से जुड़ सकें।

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सभी बच्चे डिजिटल इंडिया से जुड़ेंगे। इसके लिए सरकार ने प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना जैसी महामारी बनी रहती है तो आन लाइन परीक्षा की तैयारी भी हमें करनी होगी।

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