New Delhi : भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव परिणामों को NDA यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की महाविजय बताया। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन के इतिहास में संख्या के हिसाब से देखें तो यह सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है। NDA सत्ता के लिए एक साथ आए दलों का समूह नहीं है, यह ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध एक संगठित गठबंधन है। नरेन्द्र मोदी पुराने संसद भवन में आयोजित बैठक में NDA संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने जीवन में विश्वास पर जोर देते हुए कहा कि आपने मुझे 2019 में अपना नेता चुना और आज, 2024 में भी, आपके चुने हुए नेता के रूप में यहां खड़े होकर मैं महसूस करता हूं कि हमारे बीच ‘विश्वास का पुल’ बहुत मज़बूत रहा है। मोदी ने NDA का नेता चुने जाने पर सभी साथियों का आभार जताया। उन्होंने नवनिर्वाचित सांसदों का अभिनंदन करने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम को नमन किया।

मोदी ने कहा कि देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए कि NDA को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनाकर उनको सेवा करने का मौका दिया है। हमारा ये अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा है। हम ‘सर्व धर्म समभाव’ (सभी धर्म समान हैं) के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि विपक्ष ने 2024 के लोकसभा परिणामों को हमारे लिए हार के रूप में पेश करने की कोशिश की लेकिन हम न कभी हारे थे, न हारे हैं और न कभी हारेंगे। 4 तारीख के बाद हमारा व्यवहार हमारी पहचान बताता है कि हम जीत को पचाना जानते हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि हम जीत की गोद में उन्माद नहीं पालते और न ही हारे हुए का मजाक उड़ाने के संस्कार हमारे अंदर हैं। हम विजयी की रक्षा करते हैं और पराजित का मजाक उड़ाने की विकृति हमारे अंदर नहीं है। ये हमारे संस्कार हैं। आप किसी भी बच्चे से पूछिए कि लोकसभा चुनाव से पहले किसकी सरकार थी? वो कहेगा एनडीए। फिर उससे पूछिए कि 2024 के बाद किसकी सरकार बनी, तो वो कहेगा एनडीए…पहले भी एनडीए थी, आज भी एनडीए है, और कल भी एनडीए है… 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई…”

एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम न हारे थे, न हारे हैं. लेकिन 4 तारीख के बाद हमारा व्यवहार हमारी पहचान बताता है कि हम जीत को पचाना जानते हैं. हमारे संस्कार ऐसे हैं कि हम जीत की गोद में उन्माद नहीं पालते और न ही हारे हुए का मजाक उड़ाने के संस्कार हमारे अंदर हैं. हम विजयी की रक्षा करते हैं और पराजित का मजाक उड़ाने की विकृति हमारे अंदर नहीं है. ये हमारे संस्कार हैं. आप किसी भी बच्चे से पूछिए कि लोकसभा चुनाव से पहले किसकी सरकार थी? वो कहेगा एनडीए. फिर उससे पूछिए कि 2024 के बाद किसकी सरकार बनी, तो वो कहेगा एनडीए…पहले भी एनडीए थी, आज भी एनडीए है, और कल भी एनडीए है…10 साल बाद भी कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई…”

ईवीएम पर सवाल खड़ा करने वालों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की ताकत यह है कि ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वालों को नतीजों ने चुप करा दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे दृढ़ता से लगता है कि जब इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम और आधार जैसी तकनीकी प्रगति पर सवाल उठाते हैं तो वे पिछली सदी के लोग हैं।

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