इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश देश का सबसे स्वच्छ राज्य है और इंदौर देश का स्वच्छतम शहर है। आज प्रदेश विकास की तरफ तेजी से बढ़ा है। प्रदेश की विकास दर देश में सर्वाधिक है। भारत की जीडीपी में मध्य प्रदेश का विशेष स्थान है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 37 हजार हो गई है, लेकिन हमें चैन नहीं है इसलिए प्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए जमीन की माँग 24 घंटे में पूरी करेंगे। प्रदेश में जमीन की पर्याप्त उपलब्धता है। इसे प्राथमिकता से औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिये प्रदान किया जायेगा।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को इंदौर में सातवीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समिट का वर्चुअल शुभारंभ किया। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से शामिल हुए और संबोधन दिया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूयॉर्क से वर्चुअल संबोधन दिया। प्रमुख निवेशकों ने भी मध्य प्रदेश में निवेश के संबंध में अपने विचार रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में हो रही यह समिट सही अर्थ में वैश्विक है। इस समिट में जहाँ दो देश सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति आये हैं, वहीं समिट में मॉरिशस के वित्त मंत्री, बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री, जिम्बावे के खनिज मंत्री भी आए हैं। विश्व के 33 देश के प्रतिनिधि आए हैं। कुल 84 देश के 431 डेलिगेट्स आए हैं। आज मध्य प्रदेश की विशेषताओं की विशेष चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए तैयार वातावरण से उद्योगपति परिचित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय मध्य प्रदेश बीमारू राज्य था। जब इंदौर के सुपर कॉरिडोर और सड़कों की चर्चा होती थी तो मैं अमेरिका से तुलना करता था। आज विश्व के अनेक देशों के प्रतिनिधि स्वच्छता सहित बुनियादी क्षेत्रों में हुए कार्य को देख रहे हैं। हरियाली और पर्यावरण-संरक्षण के लिये निरंतर कार्य हो रहा है। अब गेहूँ सहित मध्य प्रदेश के अन्य उत्पाद निर्यात हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2026 तक 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही है। इसमें मध्य प्रदेश का योगदान 550 बिलियन डालर से कम नहीं होगा। प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं। अनेक फूड पार्क, प्लास्टिक पार्क हैं और अब मेडिकल डिवाइसेस पार्क भी विकसित हो रहे हैं। निवेशक खुद यह मानने लगे हैं कि मध्य प्रदेश निवेश की दृष्टि से अनुकूल है। फार्मा सेक्टर बधाई का पात्र है, जिसने कोविड के संकट के समय निरंतर कार्य कर लोगों के हित में भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा क्षेत्र, नवकरणीय ऊर्जा में लगातार कार्य किया गया है। रेडीमेड उद्योग में मध्यप्रदेश चौथे स्थान पर है, शीघ्र ही पहले स्थान पर आने का लक्ष्य है। हमारी बहने और बेटियाँ परिश्रमी हैं। वे तीन शिफ्ट में भी कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि अब ओंकारेश्वर में बांधों की जलराशि की सतह पर तैरते हुए ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का कार्य प्रारंभ हुआ है। उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कस्टमाइज पैकेज देने का कार्य भी राज्य सरकार करेगी।

मध्य प्रदेश में सीईओ के रूप में सदैव उपलब्ध हूँ

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे मध्य प्रदेश के सीईओ के रूप में सदैव उपलब्ध हैं। प्रति सोमवार उद्योगपतियों से भेंट के लिये समय तय किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए बनाये गये लैंड बैंक में लगभग 2 लाख एकड़ भूमि की उपलब्धता है। प्रदेश में अनेक खनिज हैं। जहाँ तक ऊर्जा उत्पादन की बात है 25 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। दिल्ली की मेट्रो रेल भी मध्य प्रदेश की बिजली के सहयोग से चलती है। पानी की कमी नहीं है। औद्योगिक शांति है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश से दस्युओं का आतंक समाप्त किया गया है। सुशासन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश देश में अग्रणी है। ब्यूरोक्रेसी सहयोगी है। उद्योग लगाने जो भी आयेंगे उन्हें मंत्रीगण भी सहयोग करेंगे। मध्य प्रदेश में 11 जलवायु क्षेत्र हैं। प्रदेश देश की खाद्य राजधानी के रूप में उभरा है। पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में अनेक संभावनाओं को हम देख रहे हैं। फिर चाहे वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म हो या धार्मिक पर्यटन हो।

मध्य प्रदेश के अनेक पर्यटन-स्थलों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कूनों पालपुर में चीतों को बसाने का कार्य सफल हुआ है। फरवरी माह से पर्यटक इन्हें देख सकेंगे। मध्य प्रदेश चीता राज्य बनने के पहले टाइगर, लेपर्ड और क्रोकोडाइल राज्य भी बन चुका है। उज्जैन में श्री महाकाल महालोक और शिव सृष्टि के दर्शन के लिये पर्यटकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। समिट में आये अतिथि उज्जैन का भ्रमण अवश्य करें।

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