लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की एक और पहल की गयी है। अब राज्य के 13 आश्रय गृहों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे उनको आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि सरकार के 13 शेल्टर होम में करीब 725 महिलाएं निवास कर रही हैं। हमने इन महिलाओं से उनकी रुचि के क्षेत्रों के बारे में बात की है और उसी के आधार पर हम उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। एक बार जब वे अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेंगी तो उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों से भी जोड़ा जाएगा।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हर पात्र व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है और मिशन शक्ति जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ कौशल विकास मिशन निराश्रित महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संयुक्त सत्र आयोजित करेगा। स्थानीय बाजार की आवश्यकताओं के बारे में जानने के लिए विभाग ने इस संदर्भ में जीएम डीआईसी (महाप्रबंधक-जिला उद्योग केंद्र) के साथ संवाद किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रशिक्षित महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके।

इन जिलों में हैं आश्रय गृह

ये आश्रय गृह गोरखपुर, मथुरा, इटावा, वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली (दो आश्रय गृह), कानपुर नगर और आगरा सहित जिलों में स्थित हैं।

तीन जिलों में नए महिला शेल्टर की योजना
योगी सरकार महिलाओं के लिए नए आश्रय और बच्चों के लिए घर भी स्थापित कर रही है। योगी सरकार की विशेष कार्य योजना के अनुसार 20.21 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजियाबाद जिलों में महिलाओं के लिए 100-100 बिस्तरों की क्षमता वाले नए शेल्टर स्थापित किए जाएंगे। आगरा में 50 बेड की क्षमता वाले बाल गृह जबकि रायबरेली, कानपुर, मिर्जापुर और चित्रकूट में 100 बेड की क्षमता वाले स्टेट ऑब्जर्वेशन होम का निर्माण किया जाएगा।

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