नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के आगे बढ़ने की रफ्तार पिछले सभी वैरिएंट की तुलना में ज्यादा है. पहले खांसते या छींकते वक्त शरीर से बाहर आए ड्रॉपलेट से संक्रमण फैल रहा था, लेकिन अब सांस का एक हल्का सा झोंका भी इंसानों को संक्रमित करने के लिए काफी है. एक एक्सपर्ट ने ओमिक्रॉन से दुनिया को संभलकर रहने की चेतावनी दी है.

न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवाइजरी ग्रुप (Nervtag) से जुड़े प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ के मुताबिक, ‘ ब्रिटेन में तकरीब 90 प्रतिशत मामलों के लिए अकेले ओमिक्रॉन जिम्मेदार है और जल्दी ही ये डेल्टा वैरिएंट से आगे निकल जाएगा. कई स्टडीज में ओमिक्रॉन से हल्के लक्षण होने का दावा किया गया है. यूके की एक ऑफिशियल रिपोर्ट के अनुसार, ओमिक्रॉन से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम अन्य वैरिएंट की तुलना में 50 से 70 फीसद तक कम है.’

ओमिक्रॉन से बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट कोविड वैक्सीन का बूस्टर शॉट देने की सिफारिश कर रहे हैं, जिसे बेहद कारगर बताया जा रहा है. डॉ. पीटर ने बीबीसी के एक कार्यक्रम में ओमिक्रॉन को बहुत ज्यादा संक्रामक बताया है. उन्होंने कहा कि हम बहुत खुशनसीब थे कि शुरुआत में वायरस अत्यधिक संक्रामक नहीं था. हमने इस वायरस को कई चरणों में म्यूटेट होते देखा है.

उन्होंने आगे कहा, ‘अब वायरस इतना संक्रामक हो गया है कि यह संक्रमित इंसान की सांस के एक झोंके से भी फैल सकता है और कोई भी व्यक्ति आसानी से इसकी चपेट में आ सकता है.’ ऐसे में लोगों को पहले से भी ज्यादा सतर्क रहना होगा. बता दें कि भारत में ओमिक्रॉन के अब तक 1,500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ओमिक्रॉन के कारण तेजी से फैलते संक्रमण के चलते हेल्थ ऑथोरिटीज लगातार लोगों को आगाह करने का काम कर रही हैं.

भारत ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में दर्ज किए गए हैं. दिल्ली में कोरोना के कुल मामलों में से करीब 46 फीसद मामले अकेले ओमिक्रॉन के हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद इस बात की पुष्टि की है. ओमिक्रॉन ज्यादा गंभीर नहीं है और इसमें लक्षण भी बहुत हल्के हैं. उन्होंने बताया कि 4 दिन में केस डबल हो रहे हैं. जो नए केस मिल रहे हैं, उनमें हल्के लक्षण हैं. संख्या बड़ी है लेकिन इससे हम निपट सकते हैं. नए मामलों के बढ़ने का कारण ओमिक्रॉन है.

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