लखनऊ। तेज गर्मी शुरू हो गयी है। इसमें सजग रहना जरूरी है। इसके लिए हर वक्त ध्यान देना चाहिए कि शरीर में पानी की कमी न हो, क्योंकि गर्मी शुरू होते ही पसीने के माध्यम से शरीर का पानी तेजी से निकलने लगता है और पेट खाली होने पर डिहाइड्रेशन की शिकायतें ज्यादा आती हैं।

इस संबंध में वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आयुर्वेद संकाय के काया चिकित्सा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर मीरा अंतिवाल का कहना है कि पहले लोग धूप में चलते समय प्याज काटकर ऊपर की थैली में रखते थे। यह नुस्खा भी अच्छा काम करता है। प्याज हाइड्रोस्कोपिक है। इसकी गंध नाक में जाने या शरीर में इसके लेप से शरीर का पानी बाहर नहीं निकलने देता है।

आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि गर्मी के मौसम में सोडियम की भी बहुत कमी होने लगती है। इससे शरीर सुस्त होने लगता है। इससे न्यूरोलाजिकल परेशानियां होने लगती है। भूलने की बीमारी भी हो जाती है। ऐसे में गर्मी के लिए मट्ठा रामबाण औषधि है। इसमें सोडियम व पोटैशियम आदि तत्व पाये जाते हैं। यह गर्मी में शरीर में नमी बनाये रखने में काफी सहयोग करता है। इससे गर्मी से संबंधित तमाम रोगों से छुटकारा मिलता है।

उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में आम का पना, मिश्री, धनिया का पानी, फलों का जूस काफी लाभदायक है। इन सबके सेवन के साथ ही सफाई का भी विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि यह सब खुले में रखा गया हो, या काफी देर का हो तो संक्रमित हो सकता है। संक्रमण की स्थिति में उसे लेने पर फायदा की जगह शरीर को नुकसान पहुंचाएगा।

डा. मीरा अंतिवाल का कहना है कि आम, मिश्री आदि पित्त शामक हैं। आयुर्वेद के अनुसार गर्मी में पित्त शामक का लेना जरूरी है। यह शरीर के अंदर पानी को खत्म नहीं होने देते। इससे शरीर में पानी का स्तर बना रहता है और लोग गर्मी की बीमारियों से निजात पा सकते हैं।

Show comments
Share.
Exit mobile version