New Delhi. सहारा इंडिया की 4 संस्थाओं में 10 करोड़ निवेशकों के हजारों करोड़ों के कई वर्षों से जमा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के निर्देश पर जमा पैसा निवेशकों को वापस लौटाने की प्रक्रिया तय की जा रही है। शासन स्तर पर कहा जा रहा है, कि 4 से 5 महीने में सहारा के निवेशकों को चेक के माध्यम से जमा राशि का भुगतान किया जाएगा। सहारा के निवेशकों की उचित पहचान और जमा राशि के दस्तावेज उपलब्ध कराने पर सत्यापन के बाद जमा राशि को वापस किया जाएगा।
सहारा की जिन 4 सहकारी समितियों में निवेश किया गया है। उनके नाम सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपज, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव एवं स्टार मल्टीपरपज शामिल हैं। निवेशकों का सबसे ज्यादा पैसा सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव में निवेश किया गया है।
केंद्रीय रजिस्ट्रार सहकारी समितियों के कार्यालय में जो जानकारी है। उसके अनुसार इन सोसायटियों में निवेशकों के 86673 करोड़ रुपए भुगतान के लिए लंबित हैं।
सहारा की समितियों में निवेश करने वालों में अधिकतर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब एवं मध्य प्रदेश के निवेशक हैं। उपरोक्त प्रदेशों में सहारा समूह की समितियों का सबसे ज्यादा कारोबार फैला हुआ था। निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने के लिए, जो राशि जमा की गई है।उसकी रसीद या पाल्सी तथा बैंक खाते इत्यादि उपलब्ध कराने के बाद, जमा राशि अनुपातिक आधार पर वापस करने की व्यवस्था चेक के माध्यम से की जाएगी।