नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पूर्वोत्तर के राज्य सिक्किम में बड़ी सफलता हासिल हुई है। राज्य के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसीडएफ) के दस विधायकों ने भाजपा की सदस्यता स्वीकार कर ली है। इसके साथ सिक्किम में भाजपा मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल गया।
भाजपा मुख्यालय में मंगलवार को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एसडीएफ के दसों विधायकों को भाजपा में शामिल कराया। इसके बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा महासचिव राम माधव ने एसडीएफ विधायकों के भाजपा में शामिल होने की घोषणा की।
सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री और एसडीएफ के नेता पवन चामलिंग के लिए यह बहुत तगड़ा झटका है। चामलिंग के नाम लंबे समय तक सिक्किम के मुख्यमंत्री के रुप में काम किया है। इस वर्ष गत मई माह में हुए विधानसभा चुनावों में चामलिंग की पार्टी एसडीएफ को सत्ता से बेदखल होना पड़ा।
एसडीएफ के विधायक दोरजी सेरिंग लेपचा, उग्येन सेरिंग ग्येस्टो, नरेन्द्र कुमार सुब्बा, डीआर थापा, कर्मासोनेम लापचा, केवी राय, टीटी भूटिया, फरमंती तमांग, पिंटो नांग्याल नेपचा, राजकुमारी थापा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
इस अवसर पर भाजपा महासचिव राममाधव ने कहा कि सिक्किम में पिछले 25 साल से एसडीएफ के नेतृत्व की सरकार रही। मई में संपन्न चुनावों में एसडीएफ के 13 विधायक चुने गए, जिसमें से दस विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। एसडीएफ सिक्किम में विपक्षी दल है किंतु दस विधायकों के भाजपा में शामिल होने के साथ ही सिक्किम विधानसभा में भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभर कर आई है।