दिल्ली| सुरक्षा बलों के द्वारा 25 जुलाई 2016 के दिन मंसूर उर्फ बहादुर अली  को जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के याहमा मुकाम गांव से गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा बलों ने आतंकी मंसूर के पास से भारी संख्या में हथियार बरामद किए थे, इनमें एके-47 राइफल, हैंड ग्रेनेड, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, गोला-बारूद, सैन्य नक्शा, वायरलेस सेट, जीपीएस, कम्पास, भारतीय रुपए और नकली भारतीय नोट बरामद थे। बीते 26 मार्च 2021 को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने मंसूर को 10 साल कैद की सजा सुनाई|

एनआईए ने इस आतंकवादी के खिलाफ 27 जुलाई 2016 को यह केस दर्ज किया था। और केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ के दौरान मंसूर ने भर्ती और लश्कर के विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी थी। और साथ ही लश्कर आतंकियों को हथियार, विस्फोटक, वायरलेस सेट, नाइट विजन डिवाइस, जीपीएस मुहैया कराने और ग्रिड रेफरेंस के साथ ही उनके काम करने के तरीकों के बारे में भी बताया था। इसके बाद एनआईए ने थोड़ी छानबिन की और 6 जनवरी 2017 को मंसूर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

 

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