महाराष्ट्र। चंद्रपुर जिले के चिमूर तहसील के पलसगांव स्थित तालाब के पास तीन बाघों को ग्रामीणों ने घूमते हुए देखा. बाघ गांव में न घुस आएं, इसके लिए ग्रामीणों ने इन्हें वहां से जंगल की तरफ खदेड़ने की योजना बनाई. बड़ी संख्या में ग्रामीण तालाब की ओर पहुंच गए, लेकिन ग्रामीणों की चाल उल्टी पड़ गई. बाघों को खदेड़ने आए ग्रामीणों को खुद की ही जान बचाकर वहां से भागना पड़ा. इस दौरान 65 वर्षीय चरणदास बाघ के हमले से घायल हो गए. 

 

वहीं घटना की जानकारी मिलने के ​बाद वन विभाग की STPF टीम मौके पर पहुंच गई. टीम ने भी वहां से बाघों को जंगल की ओर भगाने का प्रयास किया, लेकिन बाघ STPF पर भी भारी नजर आए. एक जवान सुनील गज्जलवार को बाघ ने बुरी तरह घायल कर दिया. इसके बाद से टीम द्वारा बाघों पर नजर रखी जा रही है. वहीं बाघों के हमले से घायल हुए STPF जवान और ग्रामीण को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बताया गया है कि इलाका ताडोबा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के तहत आता है. वन विभाग के मुताबिक इसमें एक 6 साल की बाघिन है और बाकी दो बाघ तकरीबन 11 महीने के हैं. बीती रात 22 जून को इन्ही बाघों ने तालाब किनारे स्थित तबेले में घुसकर एक बैल को मारा था और दूसरे दिन सुबह तक तबेले के पास झाड़ियों में छिप कर बैठे रहे.

आज सुबह जब गांव के रमेश मेश्राम तालाब के पास से गुजर रहे थे, तो उन्हें झाड़ियों में बाघ दिखे. वे घबरा गए और तुरंत गांव वालों और वन विभाग को घटना की जानकारी दी. वन विभाग की टीम वहां पहुंची तब तक गांव वालों ने बाघ को जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश की, लेकिन बाघ ने गांव वालों पर ही हमला बोल दिया.

वन विभाग की टीम भी बाघों के आगे बेवस नजर आई. फिलहाल बाघ तालाब के किनारे अपना ठिया जमाए बैठे हैं, इसीलिए लोगों को इस ओर न जाने की चेतावनी दी गई है. वन विभाग बाघों पर नजर बनाए हुए है. ये बाघ जंगल की ओर चले जाएं, इस के लिए वन विभाग के अधिकारी रणनीति तैयार कर रहे हैं.

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