नई दिल्ली। खेल-खेल में मैग्ननेटिक स्टार निगलने वाले 3 साल के बच्चे की मौत हो गई है. मासूम के परिजनों के मुताबिक, उसके शरीर से ऑपरेशन के जरिये चुम्बक तो निकाल लिया गया था, लेकिन बेहोशी की दवा के ओवरडोज और ऊपर से ऑपरेशन के तुरंत बाद देखभाल में लापरवाही के चलते उनके घर का चिराग हमेशा हमेशा के लिए बुझ गया.

 

पूरा मामला इंदौर के गुमास्ता नगर स्थित अरिहंत हॉस्पिटल का है, 3 साल के मासूम कबीर तिवारी की मौत हो गई. परिजनों ने एनस्थीसिया (बेहोशी) के ओवरडोज और ऑपरेशन के बाद देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाते हुए चंदननगर थाने में शिकायत दर्ज की है, जिसके बाद बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है.

 

जानकारी के मुताबिक, सिलिकॉन सिटी में रहने वाले सुनील तिवारी के बेटे कबीर तिवारी ने 29 जुलाई को खेल-खेल में मैग्नेटिक स्टार (चुम्बक) निगल लिया था और परिजनों को पता चलते ही उन्होंने अपने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिखाया तो वहां से मासूम को अरिहंत हॉस्पिटल रेफर किया गया.

जहां हॉस्पिटल में एक्स-रे रिपोर्ट में चुम्बक बच्चे के गले में फंसा होना पाया गया. इसके बाद बच्चे की हालत को देखते हुए अस्पताल ने दवाई देकर इलाज करने की ठानी, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो परिजन 4 अगस्त और 7 अगस्त को डॉक्टर्स के कहे मुताबिक इलाज कराते रहे.

आखिर एंडोस्कोपी के जरिये चुम्बक निकालने का निर्णय लिया गया. आज सुबह बच्चा हंसता खेलता हुआ अपनी मम्मी और पापा के साथ अस्पताल पहुंचा तो ऑपरेशन शुरू हुआ. 8.30 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन 9.20 बजे तक चला.

ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर मयंक जैन और डॉ. सोनल निवसारकर और अन्य स्टॉफ ने बच्चे के शरीर में से चुम्बक तो निकाल दी और उसे चाइल्ड वार्ड में शिफ्ट भी कर दिया लेकिन वहां मासूम कबीर की मां ने देखा कि उसके बच्चे का शरीर ठंडा पड़ रहा है लेकिन इस बीच किसी ने देख रेख नहीं की और कुछ देर बाद मासूम की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल परिजनों को जानकारी देने में आनाकानी करते रहा.

 

बच्चे के पिता सुनील तिवारी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए बदतमीजी पर उतर आया और उनके बेटे की मौत हो जाने के बाद डॉक्टर बोलते रहे कि हमें भी विश्वास नहीं हो रहा कि बच्चे की मौत कैसे हो गई.

 

परिजनों ने अस्पताल के इसी लापरवाही भरे रवैये और एनेस्थीसिया के ओवरडोज देने का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत चंदन नगर पुलिस को की, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली और परिजनों की शिकायत दर्ज कर मासूम के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया.

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