केंद्र से मांगी जाएगी पर्याप्त वित्तीय मदद: मुख्यमंत्री

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानूसन की व्यापक बारिश के कारण हुए अलग-अलग घटनाओं में अब तक 63 लोगों की मौत हुई है। मानूसन ने सबसे अधिक नुकसान 17 और 18 अगस्त को हुआ। इन दो दिनों में 25 लोग मारे गए। भारी बरसात से प्रदेश में अब तक 626 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार से ज्यादा से ज्यादा वित्तीय मदद मांगी जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। वे नियम-130 के तहत प्रदेश में भारी बरसात से हुए नुकसान पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में 224 मवेशियों की जान गई और 799 कच्चे घर तथा पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं हैं। आईपीएच (सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग) की 5629 स्कीमें प्रभावित हुईं। सड़कों व पुलों को 386 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। जबकि आईपीएच को 269 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कृषि को 38 करोड़ जबकि बागवानी को छह करोड़ से अधिक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश को राष्ट्रीय आपदा राहत फंड और राज्य आपदा राहत फंड से लगभग 219 करोड़ रुपये मिले हैं। इनमें सभी जिलों को 126 करोड़ तथा विभिन्न विभागों को 93 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ ही आपदा राहत राशि के लिए 49 करोड़ जिला उपायुक्तों को जारी किए जा चुके हैं।

उन्होंने दावा किया कि भारी बारिश से क्षतिग्रस्त अधिकांश सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है, हालांकि सड़कों की स्थिति अभी संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान सड़कों को खुला रखने के लिए सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और आपदा राहत नियंत्रण कक्ष राज्य व जिला स्तरों पर 24 घंटे काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से और अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उपमंडल स्तर पर अधिकारियों को सैटेलाइट फोन मुहैया करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में डैनेज प्रणाली को बेहतर किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिलासपुर जिले के करयालग गांव में बेघर हुए लोगों को राहत के तौर पर 12.48 लाख की राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि बरसात से हुए नुकसान का मामला केंद्रीय टीम के समक्ष मजबूती के साथ उठाया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा वितीय मदद मांगी जाएगी।

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