गोपालगंज. गोपालगंज के खजुर्बानी जहरीली शराब कांड में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (ADJ) 2 लवकुश कुमार की अदालत ने 13 अभियुक्तों को दोषी ठहराया. इन 13 दोषियों में 9 को उन्होंने फांसी की सजा सुनाई और बाकी 4 को आजीवन कारावास की सजा दी. ताउम्र कैद की सजा पाने वाले चारों दोषी महिलाएं हैं. एडीजे 2 की अदालत ने यह फैसला शुक्रवार को सुनाया. आपको याद दिला दें कि गोपालगंज के खजुर्बानी शराब कांड 16 अगस्त 2016 को हुआ था. इस दिन जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी.

दोषी ठहराए गए 13 लोगों में 4 अपराधी एक ही परिवार के हैं. इस केस में इंदु देवी को आजीवन कारावास की सजा हुई है और उनके 3 बेटों – संजय पासी, रंजय पासी और मुन्ना पासी – को फांसी की सजा सुनाई गई है. सजा सुनाए गए सभी 13 अपराधियों पर जहरीली शराब बनाने का आरोप साबित हुआ है.

फांसी की सजा पाए संजय पासी की पत्नी सरिता देवी के मुताबिक, परिवार के 4 लोगों को अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद घर में सिर्फ बहुएं और ननद बची हुई हैं. घर के बाकी सदस्यों को शराब कांड में फांसी और आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है. सरिता देवी ने बताया कि इस सजा से पहले कोर्ट ने उनके घर को सील कर दिया था. सील करने पहले कुर्की की कारवाई के दौरान घर में पुलिस ने तोड़फोड़ भी की थी. अब ऐसे हालात में उनके सामने विकट समस्या है. आखिर अब वे क्या करें और कहां रहें? घर के लोगों को फांसी की सजा सुनाए जाने बाद सरिता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है.

खजुर्बानी गांव की इंदु देवी कोई अकेली महिला नहीं हैं, जिन्हें आजीवन कारावास और तीन बेटों को फांसी की सजा सुनाई गई है. इसी गांव की मंजू देवी के मुताबिक, उनके पति छट्ठू पासी को भी फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि सास रीता देवी को आजीवन कारावास की सजा हुई है.

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