नई दिल्ली: कोरोना के कहर के बीच जब लोग घर पर हैं, तो ऐसे में सोशल मीडिया का उपयोग भी बढ़ गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर कोरोना से संबंधित कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। कोई घरेलू नुस्खे बता रहा है तो कोई कह रहा है कि कोरोना 5 जी से फैल रहा है।

इस बीच कोरोना की जांच के लिए घरेलू नुस्खों को भी हवा मिल रही है। इसी तरह का एक नुस्खा प्रचलित हो चला है, जिसमें बताया जा रहा है कि महज 10 सेकंड सांस रोककर आप पता लगा सकते हैं कि आपको कोरोना है या नहीं। यदि इस बीच आप सांस लेने में असुविधा महसूस नहीं करते, तो आप बिलकुल स्वस्थ हैं। अब इस दावे की खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोल खोल दी है।

डब्ल्यूएचओ ने इस तरह के किसी भी घरेलू नुस्खे से दूर रहने की सलाह दी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि खांसी या असुविधा महसूस किए बिना 10 सेकंड या उससे अधिक के लिए अपनी सांस रोक पाने में सक्षम होने का मतलब यह नहीं है कि आप COVID-19 से मुक्त हैं।

COVID-19 के सबसे आम लक्षण सूखी खांसी, थकान और बुखार हैं। कुछ लोग बीमारी के अधिक गंभीर रूप विकसित कर सकते हैं, जैसे कि निमोनिया। यह पुष्टि करने का सबसे अच्छा तरीका है कि कोविड 19 वायरस की जांच प्रयोगशाला परीक्षण के साथ की जाए। आप इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज से इसकी पुष्टि नहीं कर सकते, जो कि खतरनाक भी हो सकता है।

क्या 5जी टावर से फैल रहा है कोरोना?

इस दावे में कितनी सच्चाई है, उसका खुलासा खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया है। डब्ल्यूएचओ ने इस दावे का पूर्ण खंडन करते हुए कहा है कि वायरस रेडियो तरंगों / मोबाइल नेटवर्क पर यात्रा नहीं कर सकते। COVID-19 कई ऐसे देशों में फैल रहा है जिनके पास 5G मोबाइल नेटवर्क नहीं है।

डब्ल्यूएचओ ने इस बात का भी खुलासा किया है कि कोरोना वायरस किस तरह से फैलता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि COVID-19 श्वसन की बूंदों से फैलता है। जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या बोलता है, तो इसके फैलने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसी के साथ लोग दूषित सतह और फिर उनकी आंख, मुंह या नाक को छूने से भी संक्रमित हो सकते हैं।

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