एचडी कुमारस्वमी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए अपने आखिरी आदेश के तहत राज्य के भूमिहीन मजदूरों द्वारा लिए गए ऋणों को पूरी तरह से माफ कर दिया. कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार कर्नाटक में 14 महीने ही चल सकी. मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट पास करने में कामयाब नहीं हो सके और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. कुमारस्वामी को इस बात का पहले से अंदाजा था कि उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो सकती है. इसीलिए उन्होंने अपने इस्तीफे से पहले वो वादा निभाया, जिसका जिक्र वो काफी पहले से कर रहे थे. विश्वास मत हारने से पहले कुमारस्वामी ने उस फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसमें राज्य के भूमिहीन मजदूरों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने की बात कही गई थी. बता दें कि ये भूमिहीन मजदूर वे हैं, जिनकी दो हेक्टेयर से कम भूमि या आय एक लाख रुपये से कम है. कुमारस्वामी ने बताया कि चार दिनों तक चले अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही के दौरान ही मुझे पता चल गया था कि राज्य में उनकी सरकार नहीं बन रही है. अविश्वास प्रस्ताव आने के कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए.

गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल रमेश कुमार ने कुमारस्वामी से कहा है कि जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता है तब तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहें. ऐसी स्थिति में कुमारस्वामी पद पर तो बने रहेंगे लेकिन कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे. यही वजह है कि सरकार गिरने से महज कुछ घंटे पहले ही कुमारस्वामी ने मजदूरों को लेकर ये महत्वपूर्ण फैसला ले लिया.

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