मोदी सरकार की तरफ से टोल प्लाजा को लेकर एक बड़ी योजना बनाई जी रही है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि टोल के लिए जीपीएस प्रणाली पर काम जारी है, जिसमें टोल का भुगतान स्वचालित रूप से तय की गई दूरी पर काटा जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टोल प्लाजा पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे और वाहन स्वतंत्र रूप से चल सकेंगे।
मोदी सरकार तकनीक की मदद से टोल प्लाना खत्म कर के यातायात को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है। यानी आपके रास्तों से टोल प्लाजा हट जाएंगे, लेकिन आप पर लगने वाला टोल टैक्स नहीं बंद होगा। यानी जीपीसीएस सिस्टम के तहत सब कुछ हाईटेक हो जाएगा और उसी के जरिए आपके पैसे कट जाएंगे, बस आपको किसी टोल प्लाजा पर रुककर पैसे देने की जरूरत नहीं होगी।

मोदी सरकार को उम्मीद है कि अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले 5 सालों में सरकारी की तिजोरी में आने वाली आदमनी करीब 1.34 ट्रिलियन तक बढ़ सकती है। नितिन गडकरी ने बताया कि हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग और अध्यक्ष, एनएचएआई की मौजूदगी में, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके एक प्रस्तुति दी गई थी। अब उम्मीद कर रहे हैं कि अगले 5 सालों में हमारी टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी।

मोदी सरकार का कहना है कि पहले ही फास्टैग लागू किए जाने की वजह से ईंधन की बचत हो रही है और साथ ही प्रदूषण भी कम हो रहा है। हालांकि, कुछ जगहों पर कर्मचारी टोल ले रहे हैं, जिस दिशा में सरकार काम कर रही है। फास्टैग से कैशलेस लेन-देन को भी बढ़ावा मिल रहा है। नवंबर में जारी किए गए NHAI के एक बयान के मुताबिक, फैस्टैग अब तक के कुल टोल कलेक्शन में लगभग तीन-चौथाई का योगदान देता है।

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