नई दिल्ली। दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बारे में पश्चिमी देशों की मीडिया में भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टिंग के कारण प्रवासी हिन्दुओं को कड़वे अनुभव हो रहे हैं। अमेरिकी कांग्रेस की हिन्दू सांसद तुलसी गबार्ड ने प्रवासी भारतीयों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि अमेरिका की मीडिया हिन्दुओं के प्रति नफ़रत फैला रही। इससे देश में हिन्दुओं के साथ हर स्तर पर भेदभाव हो रहा है।

अमेरिकी कांग्रेस की हिन्दू सांसद तुलसी गबार्ड ने अमेरिका और पश्चिमी देशों में हिन्दुओं के खिलाफ नफ़रत फैलाने की मुहिम पर चिंता वयक्त की है, जिसके बाद अमेरिका और भारत में यह मुद्दा ट्विटर और सोशल मीडिया पर छा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की दावेदार तुलसी ने कहा है कि देश में हिन्दुओं के प्रति दुष्प्रचार को स्वयं उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अनुभव किया है। अमेरिकी संसद का चुनाव लड़ते समय और अब राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान उन्हें महसूस हुआ है कि अमेरिका में हिन्दुओं के प्रति विद्वेष एक सच्चाई है। मीडिया और राजनीतिक नेता इस हिन्दू विरोध को सहन ही नहीं करते, इसे बढ़ावा भी देते हैं।

तुलसी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर एक प्रवासी भारतीय महिला डॉ शीनी अम्बरदार द्वारा बताई गयी एक घटना को भी साझा किया है। पेशे से चिकित्सक कश्मीरी हिन्दू डॉ अम्बरदार के अनुसार एक टैक्सी ड्राइवर ने दिल्ली हिंसा को लेकर अनाप-शनाप बातें बोलीं। ड्राइवर को जब यह पता चला कि उसके वाहन में कोई भारतीय बैठा है तो उसने दिल्ली दंगों को लेकर अनर्गल बातें करनी शुरू कर दीं। उसने कहा, तुम हिन्दू लोग मुसलामानों को मार रहे हो। उनकी मस्जिदें नष्ट कर रहे हो।

यात्री ने उसे समझाने की कोशिश की कि दिल्ली की घटना सांप्रदायिक है, जिसमें दोनों सम्प्रदायों के लोगों के लोग मारे गए हैं। इस पर ड्राइवर और उत्तेजित हो गया। उसने कार रोककर यात्री से उतर जाने के लिए कहा। पुलिस बुलाने की धमकी के बाद ड्राइवर के होश ठिकाने आए।

डॉ अम्बरदार ने चिंता व्यक्त की है कि दिल्ली हिंसा के बारे में अंतरराष्ट्रीय मीडिया की गलत और एकतरफा रिपोर्टिंग के कारण ‘हिन्दू विद्वेष’ और बढ़ रहा है। तुलसी गबार्ड द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद दुनिया भर के भारतीय प्रवासियों ने सोशल मीडिया के जरिये अपने कड़वे अनुभव बयान किये। उनका कहना है कि दिल्ली हिंसा के बारे में मीडिया ने पश्चिमी देशों में हिन्दुओं के खिलाफ दुर्भावना का अभियान छेड़ रखा है।

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