नई दिल्ली| कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए भारत को वैक्सीन की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब एक और वैक्सीन स्पूतनिक-V भी अगले सप्ताह से मार्केट में उपलब्ध होगी।

इस सब के बीच भारत में रूसी राजदूत एन कुदाशेव ने कहा कि स्पूतनिक-V रूसी-भारतीय टीका है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत में इसका उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाकर 85 करोड़ खुराक प्रति वर्ष तक किया जाएगा। भारत में जल्द ही स्पूतनिक की सिंगल-डोज़ वैक्सीन पेश करने की योजना है।  स्पूतनिक-V की प्रभावशीलता दुनिया में अच्छी तरह से जानी जाती है। उन्होंने कहा कि रूसी विशेषज्ञों ने घोषणा की है कि यह वैक्सीन नए कोविड-19 वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है।

क्या है स्पूतनिक का लाइट वर्जन?

स्पूतनिक V का लाइट वर्जन सिंगल डोज में ही कोरोना वायरस का काम तमाम कर देगा। रूस के अनुसार स्पूतनिक वी का लाइट वर्जन सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन है जो कि 80 फीसदी तक प्रभावी है। कंपनी का दावा है कि उसका लाइट वर्जन वैक्सीन के दो डोज वाले टीकों की तुलना में सिंगल डोज में ही अधिक कारगर है। स्पूतनिक के इस लाइट वर्जन वैक्सीन को रूसी सरकार की मंजूरी भी मिल गई है।

स्पूतनिक पर खड़े हुए थे सवाल

दरअसल कोविड-19 के रूसी टीके ‘स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया। इसके बाद अप्रैल में भारत में रूसी कोरोना टीके ‘स्पूतनिक वी’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। गमालया इंस्टीट्यूट ने दावा किया की कि स्पुतनिक-वी कोरोना के खिलाफ अब तक विकसित सभी टीकों में सबसे अधिक प्रभावी है।

 

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