कोलकाता।  पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है और सांसद पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने संकेत दिया कि यह निर्णय आंशिक रूप से मंत्री पद खोने और राज्य भाजपा नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण था।

सुप्रियो, जिन्होंने 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में MOS के रूप में कई विभागों को संभाला था, उन्हे इस महीने की शुरुआत में एक बड़े कैबिनेट फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था। 

बाबुल आसनसोल से दो बार के सांसद उन कई मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें 7 जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और असफल रहे। सुप्रियो और देबाश्री चौधरी दोनों को मंत्री पद से हटा दिया गया था। पश्चिम बंगाल के चार अन्य सांसदों निशित प्रमाणिक, शांतनु ठाकुर, सुभाष सरकार और जॉन बारला को मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया। उन्होंने लिखा, “अगर कोई यह पूछे कि क्या राजनीति छोड़ना किसी तरह से मंत्रालय खोने से जुड़ा है। हां तो यह कुछ हद तक सही है। विधानसभा चुनाव प्रचार के बाद से राज्य नेतृत्व के साथ भी मतभेद थे।” 

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