नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को कोविड-19 की स्थिति पर एक समीक्षा बैठक करेंगे. समाचार एजेंसी ने सरकार के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. हालांकि इस बैठक में राज्य सरकारों के शामिल होने को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के अब तक 213 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें 90 लोग ठीक भी हुए हैं. ये मामले 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सामने आए हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए पीएम मोदी भी पहले भी कई बैठक कर चुके हैं और उनमें अधिकारियों और राज्य सरकारों को निर्देश दिए जाते रहे हैं. इससे पहले ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगने के बाद प्रधानमंत्री ने एक बैठक में अधिकारियों को ‘प्रोएक्टिव’ रहने और संभावित खतरों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की योजना की समीक्षा करने का निर्देश दिया था.

पीएम मोदी ने पिछली बैठक में कहा था कि नए खतरे को देखते हुए लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है और मास्क लगाने एवं सामाजिक दूरी का पालन करने जैसी उचित सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने ने ‘जोखिम वाले’ देशों के रूप में चिह्नित किए गए देशों पर विशेष ध्यान देते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय आगमन की निगरानी और दिशानिर्देशों के अनुरूप यात्रियों की जांच की आश्यकता पर जोर दिया था.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को किया अलर्ट

ओमिक्रॉन के केस बढ़ने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मंगलवार को राज्य सरकारों को अलर्ट कर दिया और निगरानी बढ़ाने और जरूरत पड़ने पर नाइट कर्फ्यू लगाने जैस कदम उठाने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर सचेत किया है कि मौजूदा वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले कम से कम तीन गुना ज्यादा संक्रामक है. उन्होंने राज्यों से जिला स्तर पर निगरानी बढ़ाने, टेस्टिंग बढ़ाने और अस्पतालों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखने के निर्देश दिए.

मंत्रालय ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है या जिन जिलों में कोविड अस्पतालों के 40 फीसदी से अधिक बेड भर चुके हैं, वहां निगरानी और टेस्टिंग बढ़ाया जाना चाहिए. इसके अलावा राज्यों को टीकाकरण बढ़ाने के साथ 100 फीसदी वैक्सीनेशन कवरेज के लक्ष्य को पूरा करने को कहा गया है. जिन जगहों पर एक साथ कई केस (क्लस्टर इंफेक्शन) मिले तो वहां के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए तुरंत भेजने का निर्देश दिया गया है.

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