इन विधायकों ने सीएम देव पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें तानाशाह और अनुभवहीन बताया है. बताया जा रहा है कि ये विधायक सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं. उनके साथ सुशांत चौधरी, आशीष साहा, आशीष दास, दीवा चंद्र रांखल, बर्ब मोहन, परिमल देव बरम और राम प्रसाद पाल हैं.

सुशांत चौधरी ने कहा है कि कुछ विधायक और उनके साथ हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दिल्ली नहीं आये. हम यहां शीर्ष नेतृत्व के समक्ष अपनी राय रखेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री बिप्लब देव के करीबी नेताओं की मानें तो सूबे की भाजपा सारकार को कोई खतरा नहीं है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष माणिक शाह ने कहा है कि हमारी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है. आगे उन्होंने कहा कि विधायकों की शिकायत के बारे में मुझे जानकारी नहीं है. यदि उनकी कोई शिकायत भी है तो वो पार्टी फोरम आकर अवगत कराएं. पार्टी के बाहर हम ऐसे मुद्दों पर चर्चा करना उचित नहीं समझते हैं.

केंद्रीय नेतृत्व का करीबी : आपको बता दें कि भाजपा ने त्रिपुरा में 25 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों को पटखनी देकर स्पष्ट बहुमत हासिल करके सरकार बनाई है. पार्टी को 59 में से 35 सीटों पर जीत मिली थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े बिप्लब कुमार देब भाजपा की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का भी करीबी माना जाता है.

त्रिपुरा में 80 प्रतिशत घरों में विवेकानंद की तस्वीर हो : यदि आपको याद हो तो त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने पिछले दिनों कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य में 80 प्रतिशत घरों में अगर स्वामी विवेकानंद की तस्वीरें हों तो भाजपा सरकार यहां अगले तीन दशक तक सत्ता में रह सकती है. पार्टी की इकाई ‘भाजपा महिला मोर्चा’ के सदस्यों को संबोधित करते हुए देब ने कार्यकर्ताओं से स्वीमा विवेकानंद के संदेशों का प्रसार करने और राज्य में लोगों को प्रोत्साहत करने के लिए उनकी तस्वीरें बांटने को कहा.

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