लखनऊ।  देश के दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाने पर योगी सरकार अंतिम मुहर लगा दी है. उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने विवाह के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी. राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शादी के लिए धोखाधड़ी कर धर्मांतरण किए जाने की घटनाओं पर रोक लगाने संबंधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था.

दरअसल पहले स्टेट लॉ कमीशन ने अपनी भारी-भरकम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी, जिसके बाद यूपी के गृह विभाग ने बाकायदा इसकी रूपरेखा तैयार कर न्याय एवं विधि विभाग से अनुमति ली.

जानकारी के अनुसार जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें इस कानून के बनने के बाद इसके अंतर्गत अपराध करने वालों को 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन भी नहीं किया जा सकेगा. यही नहीं शादी कराने वाले मौलाना या पंडित को उस धर्म का पूरा ज्ञान होना चाहिए. कानून के मुताबिक धर्म परिवर्तन के नाम पर अब किसी भी महिला या युवती के साथ उत्पीड़न नहीं हो सकेगा. और ऐसा करने वाले सीधे सलाखों के पीछे होंगे.

हाईकोर्ट का फैसला

एक महत्वपूर्ण फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है. जस्टिस एससी त्रिपाठी ने प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नूरजहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है.

Show comments
Share.
Exit mobile version