लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाल यौन शोषण का मामला प्रकाश में आते ही सीबीआइ की टीम एक्शन में है। सीबीआइ की टीम ने 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण के मामले में मुख्य आरोपित उत्तर प्रदेश सिंचाईं विभाग के एक जूनियर इंजीनियर चित्रकूट निवासी रामभवन को गिरफ्तार किया है। चित्रकूट में तैनात उत्तर प्रदेश सिंचाईं विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को सीबीआइ ने मंगलवार को जिला न्यायालय में पेश किया है।

मुख्य आरोपित जूनियर इंजीनियर चित्रकूट निवासी रामभवन की उम्र 40 साल से भी कम बताई जाती है। सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के मुताबिक आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के जिला चित्रकूट समेत बांदा और आसपास के जिलों में बच्चों के यौन शोषण का आरोप है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को कथित तौर पर करीब 50 बच्चों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया है। सिंचाईं विभाग के इस जूनियर इंजीनियर पर करीब दस वर्ष से इस कृत्य को करने का गंभीर आरोप है। सीबीआइ के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि आरोपी करीब दस वर्ष से अधिक समय से इन मासूमों का उत्पीडऩ पर रहा था।

सीबीआइ की टीमों ने चित्रकूट में जूनियर इंजीनियर तथा उसके साथियों के आवास की तलाशी ली गई। जहां से करीब आठ लाख रुपया नकद, 12 मोबाइल फोन, लैपटॉप, वेब-कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस जिनमें पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड और कई यौन टॉय मिला है। आरोपितों ने कथित तौर पर पांच से 16 वर्ष की उम्र के बच्चों को लुभाने के लिए आवास पर मिले इलेक्ट्रॉनिक सामानों और गैजेट्स का इस्तेमाल किया।

चित्रकूट में तैनात सिंचाई विभाग का यह जूनियर इंजीनियर अपने विभाग के काम से अलग होकर कथित तौर पर ऑनलाइन वीडियो और फोटोग्राफ की बिक्री भी करता था। इतना इनपुट मिलने के बाद सीबीआइ की टीम तहकीकात में लग गई। सीबीआइ ने जांच में मामला पकड़ में आने के बाद इसको अपनी गिरफ्त में लिया है। इस आरोपी तथा अन्य के खिलाफ चित्रकूट में मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि जूनियर इंजीनियर बांदा, चित्रकूट और आसपास के जिलों में बच्चों के यौन शोषण में शामिल था। आरोपितों ने बच्चों के शारीरिक शोषण के अलावा कथित तौर पर बच्चों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग अपने कृत्यों में किया है। इसको भी संज्ञान में लेकर सीबीआइ जांच में लगी है। बाल यौन शोषण सामग्री वाली इन तस्वीरों और वीडियो फिल्मों को आरोपितों ने इंटरनेट की सुविधा का उपयोग करके प्रकाशित-प्रसारित किया था। यह भी आरोप लगाया गया कि अभियुक्त ने अन्य व्यक्तियों के साथ इस तरह की सामग्री की बिक्री, प्रसारण और साझाकरण के लिए डार्कवेब का उपयोग किया।

आरोपित के ईमेल की जांच से पता चला है कि वह बाल यौन शोषण सामग्री साझा करने के उद्देश्य से कथित तौर पर कई व्यक्तियों के साथ लगातार संपर्क में था। इसके लिए उसने इंटरनेट पर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म और वेबसाइटों का उपयोग करते हुए डार्कनेट इत्यादि के माध्यम से कथित तौर पर बाल यौन उत्पीडऩ सामग्री को भारी मात्रा में बनाया और साझा किया है।

 

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