वाराणसी। भारत की आज़ादी हर स्तर की आज़ादी थी। रहना, खाना, पीना और खासकर शिक्षा का सभी को समान अधिकार मिला था पर कुछ लोग और कुछ सम्प्रदाय आज भी ऐसे हैं जो शिक्षा से वंचित है। ऐसे बच्चों और लोगों को देश के कई एनजीओ और स्वयं सेवियों ने पढ़ाने का बीड़ा उठाया है पर शहर बनारस के एक सब इन्स्पेक्टर भी आज कल अपनी कक्षा के लिए चर्चा में हैं।

पुलिस वाले अक्सर अपनी पुलिसिया कर्रवाई के लिए चर्चा में आते हैं पर वाराणसी के कोतवाली थानाक्षेत्र की अम्बिया मंडी चौकी इंचार्ज सब इन्स्पेक्टर अनिल कुमार मिश्र इस समय अपनी कक्षा के लिए चर्चा में हैं। ये कक्षा चौकी के अंदर ही लगती है और यहां आसपास के बच्चे पढ़ते हैं साथ ही उन्हें भारत की वो महान विभूतियाँ जिनके कारण देश आज़ाद हुआ उनका यशगान भी होता है ताकि आने वाली पीढ़ी उन्हें अपना आइडियल बनाकर देश की उन्नति में मदद करें।

‘अनिल अंकल ये चंद्रशेखर आज़ाद कौन थें और उनके साथ भगत सिंह कौन थें ? ये सवाल अचानक से कोतवाली की अम्बिया मंडी चौकी में लगी कक्षा में बैठे 8 साल के मासूम ने पूछा तो चौकी इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा मुस्कुरा उठे। अनिल मिश्र ने कहा कि ‘देश की आज़ादी में जो काम गांधी जी ने अपने सत्याग्रह से किया वही काम भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने कामों से किया था और फिर शुरू हो गयी गणित और अंग्रेजी से इतर आज़ादी के मतवालों की कहानी।

इस सम्बन्ध में चौकी इंचार्ज अम्बिया मंडी अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि अंबियां मंडी पुलिस चौकी के आसपास बड़ी संख्या में गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लोग रहते हैं। इन परिवारों के अधिकतर लोग छोटे-मोटे काम करते हैं। इनके बच्चे स्कूल के बाद खाली समय में इधर-उधर घूमा करते हैं, जिससे इनके गलत संगत में पड़ने की आशंका रहती है। इसके अलावा परिवार में रहने वाली छोटी बच्चियों के साथ अपराध होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में चौकी पर पाठशाला के जरिए यहां के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण करने का बीड़ा उठाया है।

दरोगा अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि उन्होंने खुद एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है। सरकारी स्कूलाें में न सिर्फ संसाधनों की कमी होती है, बल्कि कई बार शिक्षक सिर्फ नाम के लिए ही पढ़ाते हैं। सभी के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए पैसे भी नहीं होते हैं। अच्छी बात यह है कि इन बच्चों के मां-बाप गरीब और कम पढ़े लिखे भले ही हैं, लेकिन वे पढ़ाई के प्रति जागरूक हैं और प्रतिदिन अपने बच्चों को यहां पढ़ने भेजते हैं। अधिकतर बच्चे पढ़ने में तेज हैं, लेकिन सही दिशा और सलाह न मिल पाने के कारण कुछ पिछड़ जरूर गए हैं।

अनिल कुमार मिश्र बच्चों को देश की आज़ादी के साथ साथ बच्चों को समझाते हैं कि वे अपने आसपास होने वाली गलत गतिविधियों का विरोध कर आपराधिक गतिविधियों पर शिकंजा कसने में पुलिस की मदद करें। पुलिस उनकी मित्र है। बच्चों को पुलिस अंकल रोजाना शाम के समय अपनी चौकी पर बिस्कुट-टॉफी, मास्क व सैनिटाइजर बांटते नजर आ जाते हैं। बच्चों को भी पुलिस अंकल का बेसब्री से इंतजार रहता है। बच्चों का कहना है पुलिस अंकल से हम लोगों को रोज बिस्कुुट-टॉफी और अच्छी बातें सीखने को मिलती है।

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