नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुजरात में पिछले दो वर्षों में 15 हजार से अधिक नवजात शिशुओं की मौत के मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के गुजरात मॉडल पर सवाल खड़े करते हुए विपक्षी दल ने कहा कि बच्चों की मौत पर भी वो चुप्पी क्यों नहीं तोड़ पा रहे हैं।

संसद भवन परिसर में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल, राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन और अमी याजनिक ने गुजरात में नवजात शिशु देखभाल इकाइयों में विभिन्न बीमारियों के कारण 15 हजार से अधिक शिशुओं की मौत पर भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि जिस काल्पनिक गुजरात मॉडल के नाम पर पूरे देश को छला गया, उसकी सच्चाई उन माताओं से पूछिए जिन्होंने अपने लाल खो दिए।

गोहिल ने कहा कि दो साल में 15,013 बच्चों की मौत का मतलब है कि प्रतिदिन 20 शिशुओं की मौत। ऐसे में सबसे ज्यादा मौतें अहमदाबाद में हुईं, जिनकी संख्या 4,322 है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद के पडोस के गांधी नगर सीट से गृहमंत्री अमित शाह सांसद हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि क्या शाह को बच्चों की चीत्कार सुनाई नहीं देती। इसी सीट से कभी नरेन्द्र मोदी भी चुनाव लड़े थे और अब वहां से राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी विधायक हैं। ऐसे मुख्यमंत्री को गुजरात की गद्दी पर बैठने का अधिकार नहीं है। अहमदाबाद के बाद सबसे अधिक शिशुओं की मौत वडोदरा (2,362) और सूरत (1,986) में हुई।

राज्य में नवजात शिशु देखभाल इकाइयों में विभिन्न बीमारियों के कारण शिशुओं की मौत कांग्रेस नेताओं ने कहा कि स्वास्थ्य अमलों द्वारा हेल्थ पैरामीटर का ध्यान नहीं रखा गया। जबकि सभी चिकित्सा संस्थानों में इस बाबत सर्कुलर भी लगा है कि दो शिशिओं के बीच कम से कम तीन मीटर का अंतर होना चाहिए। लेकिन कई मौकों पर पाया गया है कि केयर यूनिट में हेल्थ पैरामीटर और गाइडलाइन्स को तवज्जों नहीं दी गई। इस पर सबसे बड़ा आश्चर्य व्यवस्था पर सवाल तक नहीं उठाना है। उन्होंने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि केंद्र और राज्य सरकार इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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