गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का निधन हो गया है. माधव सिंह सोलंकी कांग्रेस के बड़े नेता थे और वह चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके थे. शनिवार को 94 साल की आयु में उनका निधन हो गया है. माधव सिंह सोलंकी का जन्म 30 जुलाई 1927 को हुआ था. उनका जन्म एक कोली परिवार में हुआ था सोलंकी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे. वह भारत के विदेश मंत्री भी रह चुके थे.

गुजरात की राजनीति और जातिगत समीकरणों के साथ प्रयोग कर सत्ता में आने वाले माधव सिंह सोलंकी KHAM थ्योरी के जनक माने जाते हैं. KHAM यानी कि क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम. 1980 के दशक में उन्होंने इन्ही चार वर्गों को एक साथ जोड़ा और प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए. माधव सिंह सोलंकी के इस समीकरण ने गुजरात की सत्ता से अगड़ी जातियों को कई साल के लिए बाहर कर दिया.

माधव सिंह सोलंकी पेशे से वकील थे. वह आनंद के नजदीक बोरसाड के क्षत्रिय थे. वह पहली बार 1977 में अल्पकाल के लिए मुख्यमंत्री बने. 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में जोरदार बहुमत मिला. 1981 में सोलंकी ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया. इसके विरोध में राज्य में हंगामा हुआ. कई मौतें भी हुईं. आरक्षण लागू करने से पहले माधव सिंह सोलंकी KHAM फार्मूला लागू कर चुके थे. इसलिए उन्हें KHAM से जुड़ी जातियों का समर्थन मिला. लेकिन पटेल, ब्राह्मण, बनिया जैसी जातियों का विरोध झेलना पड़ा. राज्य में हिंसा के बाद सोलंकी ने 1985 में इस्तीफा दे दिया. लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में KHAM फार्मूले के दम पर बंपर वोटों से चुनाव जीतकर आए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माधव सिंह सोलंकी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. पीएम ने कहा कि उन्होंने दशकों तक गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका अदा की. उन्हें समाज में अहम योगदान के लिए याद किया जाएगा. पीएम ने कहा कि वे उनके निधन से बेहद दुखी हैं. पीएम ने इस दुखद मौके पर माधव सिंह सोलंकी के बेटे भारत सोलंकी से बात की है और अपनी संवेदनाएं प्रकट की है.

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