दिल्ली। राजधानी कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा। यहां कोई भी इलाका कोरोना से बचा नहीं है। ग्रीन जोन लायक कोई इलाका नहीं है। इतना ही नहीं यहां कोरोना युद्ध के फ्रंटलाइन योद्धा यानी मेडिकल स्टाफ के लोग भी लगातार कोरोना का शिकार हो रहे हैं।

अबतक 3 हजार 314 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। यहां कोरोना अबतक 54 जान ले चुका है। कोरोना से दिल्ली का कोई कोना मानों छूटा नहीं है। इस वजह से ही दिल्ली में कोई ग्रीन जोन नहीं है। 11 जोनों में बंटी दिल्ली के 9 जोन रेड कटेगिरी में आते हैं।

राजधानी दिल्ली की बिगड़ती हालत के पीछे कोरोना टेस्ट के रिजल्ट में होनेवाली देरी भी बताई जा रही है। एक अधिकारी ने कहा था कि लैब से नतीजे आने में करीब एक हफ्ते का वक्त लग जाता है।

किसी जिले या जोन को रेड से ऑरेंज में मूव तब किया जाता है जब वहां पिछले 14 दिनों में कोई केस देखने को न मिले। वहीं और अगले 14 दिन तक कोई केस न मिलने पर उसे ग्रीन जोन माना जाता है।

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