नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 3 अप्रैल तक नए केस की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा था। ग्रोथ रेट 22.6% था, लेकिन इसके बाद इसमें कमी आना शुरू हुई। आज ग्रोथ रेट घटकर 5.5% हो गया है। यह राहत की बात है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अभी ग्रोथ रेट में काफी कमी आई है। अगर उसी ग्रोथ रेट से मामले बढ़ते तो हालत गंभीर होती।

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बताया कि देश में अब ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। पिछले चार दिनों से रोज एक लाख से ज्यादा टेस्टिंग हो रही हैं। आज 1 लाख 57 हजार 16 लोगों का टेस्ट हुआ। अभी तक 27 लाख 19 हजार 434 लोगों की जांच की जा चुकी है। देश में मौतों की रफ्तार भी कम हुई है। आंकड़े देखें तो 19 मई को देश में 3.13% की दर से मौतें हो रही थीं, अब यह घटकर 3.0% हो गई है।

78 हजार हो सकती थी मौतें

एम्पॉवर्ड ग्रुप के चेयरमैन वीके पॉल ने बताया कि जब देश में लॉकडाउन शुरू हुआ था तो संक्रमण का डबलिंग रेट 3.4 दिन था। मतलब हर 3.4 दिन में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही थी लेकिन आज यह 13.3 दिन हो गया है। संक्रमण को फैलने से रोकने में लॉकडाउन ने काफी मदद की। इसके चलते हमने 14 से 29 लाख संक्रमण के मामले और 38 हजार से 78 हजार मौतें रोकने में सफलता पाई है। पॉल ने बताया कि इतना बड़ा देश होने के बावजूद संक्रमण कुछ स्थानों तक सिमटकर रह गया। संक्रमण के कुल मामलों में 80% केवल 5 राज्यों से हैं। इनमें भी 60% मामले 5 शहरों तक सिमटे हुए हैं। इसी तरह अगर हम 90% मामलों का आंकलन करते हैं तो ये देश के 10 राज्यों से आए हैं। इनमें भी 70% मामले केवल 10 शहरों से हैं।

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