नई दिल्ली।  दिल्ली पुलिस ने छह कथित आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इनमें से दो ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन आतंकियो को गिरफ्तार किया है. एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की. स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ग्रुप के लोग दिल्ली और आस पास के इलाकों में धमाका करना चाहते हैं और इनके निशाने पर भीड़ भाड़ वाली जगहें हैं. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा चार को यूपी और राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है.

डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद कुमार कुशवाहा ने कहा, “दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाक समर्थित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. दो ने पाकिस्तान से ट्रेनिंग ली थी. विस्फोटक और हथियार बरामद हुए हैं.”

स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में आज बड़ी सफलता मिली है. मल्टीस्टेट ऑपरेशन में हमने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. समीर, लाला, जीशान कमर, ओसामा, जान मोहम्मद अली शेख और मोहम्मद अबु बकर को गिरफ्तार किया गया है. खास बात इसमें ये है कि इन छह में से दो लोग ऐसे भी हैं जो इसी साल पाकिस्तान में जाकर ट्रेनिंग करके वापस लौटे हैं. केंद्रीय एजेंसी से हमें एक इनपुट मिला था कि भारत के कुछ शहरों में आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश हो रही है, जोकि बॉर्डर के उस पार से है. इस इनपुट को देखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक खास टीम बनाई जो डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के देखरेख में काम कर रही थी.

कैसे पहुंचे पाकिस्तान?

स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर ने कहा कि ह्यूमन और टेक्निकल इनपुट को जब एनालाइज किया गया तो पाया गया कि ये तो कई राज्यों में फैला हुआ एक बड़ा नेटवर्क है. आज सुबह इस ऑपरेशन को खत्म करते हुए हमने कई राज्यों में रेड की. सबसे पहले महाराष्ट्र के रहने वाले समीर नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. इसे कोटा में एक ट्रेन में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद दो आदमी दिल्ली में गिरफ्तार हुए. इनसे पूछताछ के आधार पर यूपी से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें से दो लोग इसी साल अप्रैल में मस्कट गए थे. वहां से जहाज की मदद से उन्हें पाकिस्तान ले जाया गया. वहां एक फार्म हाउस में इन्हें ऱखा गया. यहीं पर उन्हें विस्फोटक बनाने और दूसरी ट्रेनिंग दी गई. ये ट्रेनिंग लगभग पंद्रह दिनों की थी. इस ट्रेनिंग के बाद ये लोग वहां से वापस मस्कट आए.

अधिकारी ने आगे कहा कि एक खास चीज तो इन्होंने बताई कि जब ये लोग मस्कट से जा रहे थे तो इनके ग्रुप में लगभग 14-15 बांग्ला बोलने वाले लोग भी थे, जिन्हें भी लगता है कि ट्रेनिंग के लिए ले जाया गया. वहां से वापस आने के बाद ये लोग स्लीपर सेल की तरह अपने काम में जुट गए. दूसरी खास बात जो सामने आई वो ये कि इनको बॉर्डर उस पार से बहुत करीब से ऑपरेट किया गया. इसमें बिल्कुल स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है कि दो अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं. एक टीम अंडरवर्ल्ड के हवाले की गई थी, जिसे वहां पर दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इब्राहिम को-ऑर्डिनेट कर रहा था. इस टीम का काम था कि बॉर्डर के उस पार से आने वाले हथियार को भारत के अलग-अलग शहरों में छिपाकर रखना. इनका दूसरा काम फंड जुटाना था. महाराष्ट्र से गिरफ्तार समीर और यूपी से गिरफ्तार लाला नाम का शख्स इसी अंडरवर्ल्ड वाले ग्रुप का हिस्सा थे.

क्या था मकसद?

स्पेशल सेल के अधिकारी ने कहा कि जो दूसरा कंपोनेंट है, उसका काम भारत के प्रमुख शहरों में लोकेशन को आइडेंटिफाई करना था ताकि आने वाले फेस्टिव सीजन में बम धमाके करवाए जा सके. अभी तक जो चीजें बरामद हुई हैं उसमें विस्फोटक और हथियार शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के बार में डिटेल में गिरफ्तार किए गए लोगों ने जानकारी दी है. ये डिटेल हम सेंट्रल एजेंसी से भी शेयर करेंगे.

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