कोलकाता। भाजपा सांसद दिलीप घोष लगातार दूसरी बार पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चुने गये हैं। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। इसके साथ ही यह साफ हो गया कि भाजपा 2021 का बंगाल विधानसभा चुनाव दिलीप घोष के नेतृत्व में ही लड़ेगी।
गुरुवार को नेशनल लाइब्रेरी में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मुरलीधर राव की मौजूदगी में प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों की बैठक हुई। पार्टी के संविधान के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष पद के लिये अकेले दिलीप घोष ने नामांकन भरा था। बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।
दरअसल 12 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में थे तब अमित शाह के विशेष दूत और पार्टी के महासचिव भूपेंद्र यादव भी कोलकाता में मौजूद थे। उन्होंने पार्टी के सांगठनिक पदाधिकारियों के साथ अगले प्रदेश अध्यक्ष को लेकर विस्तार से चर्चा की थी। खबर है कि भाजपा के सहयोगी संगठनों ने दिलीप को ही फिर प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपने की वकालत की थी। गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से पहले दिलीप को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से दिलीप घोष अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। यहां तक कि पार्टी के अंदर भी उनके खिलाफ आवाजें उठ रही थीं जिसकी वजह से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने को लेकर संशय बरकरार था। हालाांकि पार्टी नेतृत्व ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया। अध्यक्ष चुने जाने के बाद दिलीप घोष ने अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया में सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब सभी अधूरे काम पूरे करूंगा।

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