डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की एक कानपुर स्थित प्रयोगशाला डीएमएसआरडीई(रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान) ने भारतीय सेना की गुणात्मक आवश्यकताओं को पूरा करते हुए 9.0 किलोग्राम वजन का लाइट वेट बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित किया है। इस फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल जैकेट का चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है|

डीआरडीओ ने ट्वीट कर खुद इस बात की जानकारी दी है|

दरअसल इस महत्वपूर्ण विकास का महत्व यह है की यह सैनिकों के शरीर पर भार कम कर उन्हे आराम करने का मौका देगा और ये बुलेट प्रूफ जैकिट 10.4 किलोग्राम से घटाकर 9.0 किलोग्राम कर दिया गया है| बता दे की इससे भारतीय सैनिकों को बहुत ही ज्यादा फायदा मिलेगा क्योंकि उन्हे पहाड़ों और जंग के मैदान में भारी-भारी सामान उठाने पढ़ते है जिनके कारण उन्हे बहुत से तकलीफों को झेलना पड़ता है|  ये काम भार वाला बुलेट प्रूफ जैकिट उन्हे फुर्तीला बनाएगा और परेशानियों से लड़ने में उनका बोझ काम करेगा|

 

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