दूरसंचार नियामक ट्राई ने उपभोक्ताओं को अवांछित कॉल और फर्जी मैसेज की परेशानी से बचाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों से ग्राहकों के रजिस्ट्रेशन और मानकीकरण के लिए नए नियम लागू करने को कहा है. रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने रविवार रात से ही इसे लागू कर दिया है. ट्राई का यह नया मानक 2019 से ही लागू करना लंबित था. लेकिन हाल के वर्षों में फिश‍िंग अटैक और अवांछित कॉमर्श‍ियल संचार के बढ़ते मामलों की वजह से अब इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है.

इससे सोमवार से ही बहुत से ग्राहकों को कई तरह के जरूरी मैसेज हासिल करने में दिक्कत आ रही है. लेकिन टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि इस समस्या का जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा. ट्राई ने आपरेटरों को अनचाहे कॉल्स और संदेशों को रोकने के लिए ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को कहा था. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अवांछित कॉल्स और स्पैम से संबंधित नियमों में साल 2018 में बदलाव किया था. टेलीमार्केटिंग कंपनियों द्वारा संदेश भेजने के लिए ग्राहकों की मंजूरी को अनिवार्य किये जाने के नये नियमों को देखते हुये ये बदलाव किये गये थे. नियामक ने दूरसंचार आपरेटरों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि व्यावसायिक संदेश सिर्फ रजिस्टर्ड नंबर के जरिये हों.

सरकार इस मामले में हाल में सख्त हुई है. ग्राहकों को अनचाहे कॉमर्शियल कॉल या एसएमएस भेजने वाली कंपनियों पर जुर्माने का प्रविधान किया जा रहा है. ऐसे ऐप विकसित किए जाएंगे जिनके माध्यम से ग्राहक टेलीकॉम कंपनियों को अनचाहे कॉल, एसएमएस और वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत कर सकेंगे. वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की जाएगी.
हाल में टेलीकॉम मंत्री रवि शंकर प्रसाद की अध्यक्षता हुई एक बैठक में ये फैसले लिए गए थे. प्रसाद की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कॉमर्शियल कॉल की संख्या बढ़ने की बात कही गई. अधिकारियों ने कहा कि ग्राहकों द्वारा डु नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) में रजिस्ट्रेशन करा दिए जाने के बावजूद उसी नंबर से लगातार कॉमर्शियल कॉल और एसएमएस आते रहते हैं.
प्रसाद ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और उन पर जुर्माने का प्रविधान करने के लिए कहा. निर्देशों में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाली टेली-मार्केटिंग कंपनियों के कनेक्शन भी काटे जाएंगे. मंत्रालय के निर्देश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए टेलीकॉम एवं टेली-मार्केटिंग कंपनियों के साथ बैठक की जाएगी.

 

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