त्रिपुरा में पहली बार बैंबू कुकीज को लॉन्च किया गया है। ये कुकीज बांस के पेड़ की शाखाओं को दरदरा करके और प्रोसेसिंग के बाद बनाई जाती हैं। इससे पहले बांस से बनी कुकीज की मांग पूर्वोत्तर भारत, नेपाल, थाईलैंड, म्यांमार, बंग्लादेश, जापान, चीन और ताइवान जैसे कई देशों में भी है।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार ने 18 सितंबर को ये कुकीज लॉन्च कीं। उन्होंने यह भी कहा कि ”बांस से बनी कुकीज में कैलोरी की मात्रा कम होती है। यह डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में भी मदद करती हैं”।

इन कुकीज को बनाने के लिए बांस की शाखाओं में आटा और बटर मिलाया जाता है। बांस की शाखाओं में प्रोटीन, विटामिंस, फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम की अधिक मात्रा होती है। इसमें एंटीबायोटिक, एंटीवायरस और एंटी कैंसर गुण भी होते हैं। यह इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करती हैं। बिस्किट बनाने के लिए बांस की जिस वैरायटी का इस्तेमाल किया जाता है, उसे ‘मूली’ और ‘तेराई’ बैंबू करते हैं जो त्रिपुरा में आसानी से मिल जाते हैं। इन कुकीज के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इसकी रैपिंग पारंपरिक हाथ से बने रैपर में होती है जिसे ‘रिसा’ कहा जाता है।

इन कुकीज के अलावा मुख्यमंत्री बिप्लव देव ने बांस से बनी शहद की बॉटल से भी लोगों को अवगत कराया। बैंबू कुकीज और बांस से बनी शहद की बॉटल को वे त्रिपुरा की कारीगरी का अद्भुत नमूना मानते हैं। इससे कई कारीगरों को रोजगार मिला है।

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