नई दिल्ली।  लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) के मोर्चे पर जल्द राहत मिलने वाली है. उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Solvent Extractors Association of India-SEA) ने उपभोक्ताओं (Consumers) को राहत देने के लिए अपने सदस्यों से तत्काल प्रभाव से खाद्य तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 3-5 रुपये यानी 3000 से 5000 रुपये प्रति टन की कटौती करने की अपील की है. वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में कमी का कोई संकेत नहीं आने की बात कहते हुए संगठन ने यह अपील की.

CBSE-ICSE और स्टेट बोर्ड की 10वीं और 12वीं की फिजिकल परीक्षाएं रद्द…

यह दूसरा मौका है, जब उद्योग निकाय एसईए ने अपने सदस्यों से एमआरपी में कटौती करने का अनुरोध किया है. पिछली बार इसने अपने सदस्यों को नवंबर 2021 में दिवाली के आसपास खाद्य तेलों के एमआरपी में 3-5 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी करने के लिए कहा था.

LPG Price Hike: महंगा हो जाएगा खाना पकाना, दोगुनी होने वाली है रसोई गैस की कीमत; जानें कितनी बढ़ेगी कीमत

60 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है भारत
भारत अपने खाद्य तेलों की 60 फीसदी से अधिक जरूरतों के लिए खाद्य तेल का आयात करता है. भारत ने खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों पर अंकुश रखने के लिए पिछले कुछ महीनों में पाम तेल पर आयात शुल्क घटाने और स्टॉक सीमा लागू करने जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं. सरकार के इन सक्रिय प्रयासों के बावजूद अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में अधिक बनी हुई हैं.

आसमान छू रहीं वैश्विक कीमतें
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि इन कीमतों में नरमी के कोई तत्काल संकेत नहीं दिख रहे हैं. इंडोनेशिया जैसे कुछ निर्यातक देशों ने भी लाइसेंस के जरिये पाम तेल के निर्यात पर नियंत्रण शुरू कर दिया है. वैश्विक खाद्य तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और यह आयातित महंगाई न केवल सभी अंशधारकों बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को भी परेशान कर रही है.

रूस-यूक्रेन में तनाव ने बढ़ाई मुसीबत
रूस और यूक्रेन के बीच काला सागर क्षेत्र में तनाव उस क्षेत्र से आने वाले सूरजमुखी तेल के लिए आग में घी डालने का काम कर रहा है. ला नीना के कारण ब्राजील में खराब मौसम ने भी लैटिन अमेरिका में सोया की फसल को काफी कम कर दिया है. इस वैश्विक स्थिति को देखते हुए सदस्य खाद्य तेलों की सुचारू आपूर्ति बनाए रखने के लिए जूझ रहे हैं. वे सरकार के सक्रिय निर्णयों के साथ जुड़े हुए हैं.

इस साल राहत मिलने की उम्मीद
उद्योग संगठन ने कहा कि घरेलू सरसों की फसल काफी बेहतर है. चालू वर्ष के दौरान रिकॉर्ड फसल की उम्मीद की जा रही है. इससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है. इसके अलावा, सरकार नई सरसों की फसल बाजार में आने से पहले कीमतों को नरम करने के लिए तत्काल कदम उठाने में सक्रिय रही है. कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क में हाल ही में 2.5 फीसदी की कमी इसका एक उदाहरण है.

हर हफ्ते करें इन 6 चीजों का सेवन, तेजी से कम होगा वजन

फ्रिज में रखा रेस्टोरेंट का खाना खाने के बाद हुआ बीमार, काटने पड़े पैर, आप भी रहें सतर्क!

SBI कस्टमर्स फटाफट निपटाएं ये काम, वरना रुक सकते हैं बैंक से जुड़े कामकाज!

CBSE-ICSE और स्टेट बोर्ड की 10वीं और 12वीं की फिजिकल परीक्षाएं रद्द…

दुनिया में आ रही कोरोना जैसी एक और महामारी, बिल गेट्स की चेतावनी ने बढ़ाई टेंशन

कभी 6 अंकों का होता था ATM का पिन, फिर क्यों घटाकर कर दिए गए 4 नंबर ?

झारखंड में जारी हुआ येलो अलर्ट, आने वाले इन दो दिनों में होगी बारिश

जरूरी खबर- 28 फरवरी से पहले कर ले ये काम वरना होगी बड़ी परेशानी

आम आदमी को लगने वाला है बड़ा झटका, भारत में Petrol Diesel 5-6 रुपये लीटर महंगा!

DJ हुआ बंद तो घोड़ी पर बैठ कर थाने पहुंचा दूल्हा और पूरी बारात इसके बाद…

23 से 27 फरवरी तक सितारों का उलटफेर, शनि समेत 4 ग्रह बदलेंगे राशि, जानें-किन राशि पर भारी रहेगी ग्रहों की चाल

Tata-Birla नहीं, ये है हिंदुस्तान की सबसे पुरानी कंपनी, जहाज बनाने से शुरुआत

Paytm ने आम आदमी से लेकर बड़े अमीरों को दिया जोर का झटका; जानें क्या हुआ?

17 फरवरी से शुरू फाल्गुन माह, देखें व्रत-त्योहार की लिस्ट

Smartphone से लेकर Refrigerator तक, जानिए 1 अप्रैल से क्या होगा सस्ता और महंगा

रिश्वत लेने के आरोपी सब इंस्पेक्टर को पकड़ने 1 KM तक दौड़ी एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम

Show comments
Share.
Exit mobile version