चंडीगढ़। ट्रैवल एजेंटों के झांसे में आकर दुबई की फर्जी कंपनियों का शिकार हुए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के आठ युवक शनिवार को भारत लौट आए। ये लोग वहां कई माह से फंसे हुए थे। सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन एवं दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी एसपी सिंह ओबराय ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई है।
पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग शहरों के आठ युवक शनिवार को चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद उनके परिजनों की आंखें भर आईं। एसपी सिंह ओबराय ने बताया कि जिन युवकों को दुबई से शनिवार को सकुशल स्वदेश लाया गया है, उनमें हरियाणा के कुरुक्षेत्र और करनाल जिलों के चार, पंजाब के अमृतसर का एक, रोपड़ का एक, होशियारपुर का एक और दिल्ली का एक युवक शामिल है।
ओबराय के अनुसार इन सभी युवकों को दुबई की एक सिक्योरिटी कंपनी ने नौकरी का झांसा देकर बुलाया था। ये सभी पिछले साल अक्तूबर और नवंबर माह में गए थे। दुबई पहुंचने पर पता चला कि कंपनी बंद हो चुकी है। खाने तक की मुश्किल होने लगीं। जैसे-तैसे युवकों का संपर्क ओबराय से हुआ तो उन्होंने इनके रहने का प्रबंध करते हुए भारत वापसी की व्यवस्था की। कुल 29 युवक फंसे हैं, जिनमें से आठ के दस्तावेज सही पाए गए और ये सभी शनिवार को भारत लौट आए। अन्य युवकों की दुबई से रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं।
किसी को नहीं देंगे विदेश जाने की सलाह
दुबई में फंसे भारतीय युवक चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर उतरे तो उनकी आंखों में आंसू थे। पंजाब के रूपनगर जिला निवासी मिंटू, अमृतसर निवासी जोबनजीत सिंह, मुकेरियां निवासी जोरावर, हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला निवासी रिंकू, पवन, करनाल निवासी इंद्रजीत और दिल्ली निवासी पुनीत ने बताया कि विदेश में जाकर पैसे कमाने की चाहत में उन्होंने अपना सबकुछ गंवा दिया। उनके साथ वहां क्या हुआ, इसके बारे में परिजनों को भी अभी पूरी तरह से नहीं बताया है। अब भविष्य में किसी को भी विदेश जाने की सलाह वे नहीं देंगे।

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