कानपुर: पंडित दीनदयाल सनातन धर्म इंटर कॉलेज परिसर में 6 से 10 अक्टूबर तक चलने वाले स्वर संगम घोष शिविर समापन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को तीन सत्र में बैठक किया। बैठक के दूसरे सत्र में संघ प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को अपने सम्बोधन में संदेश दिया कि जातिवाद की मानसिकता पूर्णतया समाप्त होनी चाहिए, सभी एक मां भारत माता की सन्तान है।

संघ प्रमुख के समक्ष प्रथम सत्र में कुटुंब प्रबोधन के कार्यकर्ताओं ने प्रान्त में चल रही गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। सरसंघचालक ने कार्य को और बढ़ाने के लिए कहा, प्रत्येक परिवार संस्कारित हो, परिवार की परिभाषा संकीर्ण हो, परिवार का मतलब चाचा, चाची, दादा, दादी आदि सब है। प्रत्येक परिवार के सभी सदस्य दिन में एक बार सामूहिक रूप से भोजन अवश्य करें। दूसरे सत्र में सेवा विभाग के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

सेवा विभाग के कार्यकर्ताओं ने अपने कार्य का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रान्त में 215 सेवा बस्तियों में 15 प्रकार के सेवा कार्य चल रहे हैं, जैसे सिलाई केन्द्र, संस्कार केन्द्र आदि। सरसंघचालक ने कहा कि हम सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है, समाज की पीड़ा हमारी पीड़ा है, समाज के प्रत्येक वर्ग उन्नति प्राप्त करें। जातिवाद की मानसिकता पूर्णतया समाप्त हो हम सभी एक मां भारत माता की सन्तान हैं इसलिए हम सब सहोदर है।

बैठक में अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक, प्रान्त संघचालक ज्ञानेंद्र सचान, प्रान्त प्रचारक श्री राम, सह प्रान्त प्रचारक रमेश, प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉक्टर अनुपम, प्रान्त सह कार्यवाह भवानीभीख, प्रान्त सेवा प्रमुख डाक्टर अरूण सिंह, प्रान्त सह व्यवस्था प्रमुख विकास, प्रान्त शारीरिक प्रमुख ओंकार, सह शारीरिक प्रमुख अमीर आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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