यूपी। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक युवक के कुत्ते के काटने पर तो किसी ने उसका इलाज नहीं कराया और ना ही उसे रेबीज का इंजेक्शन लगवाया, लेकिन उसकी मौत हो जाने के बाद उसके संपर्क में आए लोगों में वहम के चलते छुआछूत की बीमारी मानते हुए कुत्ते के काटने के इंजेक्शन लगवाने की होड़ लग गई.

दरअसल, रामपुर के कस्बा कैमरी के एक युवक को पिछले हफ्ते एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन उसने उपचार नहीं कराया. इसके बाद उसकी मौत हो गई. युवक की मौत को लेकर लोगों में भ्रम फैल गया कि मृतक और उसके परिजनों के संपर्क में जो भी आया है, वह भी अब जिंदा नहीं बचेगा.

इस भय के चलते बिलासपुर के अस्पताल में अब तक 20 लोग रेबीज का इंजेक्शन लगवा चुके हैं. तर्क दिया जा रहा है कि उनमें से किसी ने मृतक के पिता के साथ बीड़ी पी थी तो वही किसी ने उसके परिवार के साथ खाना खाया था या फिर किसी न किसी तरह से उनके संपर्क में आया था. बस इसी को लेकर लोगों में मौत का खौफ पनपने लगा.

एक-एक करके लगभग 20 लोग अस्पताल पहुंचकर रेबीज का इंजेक्शन लगवा चुके हैं. स्वास्थ्य महकमे के कर्मी भी बिना कुत्ता के काटने से लोगों के रेबीज का इंजेक्शन लगवाए जाने को लेकर हैरानी में हैं. उनका कहना है कि हम समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं.

चीफ फॉर्मेसिस्ट डॉ. आनंद बल्लभ ममगाई के मुताबिक, ‘बस उनके दिमाग में वहम है कि कहीं हम भी नहीं मर जाएं, उनको कुत्ते ने नहीं काटा है, बस उनके दिमाग में वहम है कि मैंने उसके (मृतक) साथ बीड़ी पी है, कोई कह रहा है कि मैंने खाना खाया है, कोई कह रहा है कि चाय पी है.’

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